संस्कृति

घर पर लक्ष्मी पूजा करने की सरल विधि, पंडित जी की भी आवश्यकता नहीं

 घर-घर दीवाली की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बार कार्तिक अमावस्या की तिथि को लेकर दुविधा की स्थिति है। कहीं 31 अक्टूबर तो कहीं 1 नवंबर को दीवाली मनाई जाएगी।



दीवाली किसी भी दिन मनाई जाए, लेकिन पूजा का महत्व कम नहीं हो जाता है। यहां हम आपको घर पर दीवाली पूजा की आसान विधि बताएंगे। इसके लिए घर पर किसी पंडित को भी बुलाने की आवश्यकता नहीं होगी।

घर पर लक्ष्मी जी की पूजा कैसे करें?
 

दीवाली वाले दिन सुबह जल्दी उठे। घर की साफ-सफाई के बाद स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पंचांग में दिन का चौघड़िया देखें और तय करें कि किस शुभ मुहूर्त में पूजा करना है।
शुभ मुहूर्त शुरू होने तक सभी जरूरी सामग्री जुटा लें। पूजन सामग्री की लिस्ट नीचे दी गई है। पूजा स्थल पर लक्ष्मी जी के साथ ही भगवान गणेश की तस्वीर भी रख लें। स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें।
पूजा स्थल पर एक चौकी तैयार करें। इस पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाएं। इसी पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर रखें। स्वयं आसन बिछाकर बैठे। सबसे पहले शुद्ध जल छिड़कें।
इसके बाद अबीर, गुलाल से गणेश जी और माता लक्ष्मी की पूजा करें। अक्षत चढ़ाएं। फूल अर्पित करें। नारियल चढ़ाएं। धूप-अगरबत्ती लगाएं। घी का दीपक जलाएं। संभव हो तो पूजा में गंगाजल रखें।
भोग में सफेद रंग की मिठाई का उपयोग करें। पंचामृत भी तैयार करें। भोग लगाएं। साथ में पान का पत्ता भी चढ़ाएं। आरती करने से पहले ध्यान लगाएं। मन ही मन माता लक्ष्मी और गणेश जी ध्यान न करें।
लक्ष्मी पूजा में कुछ खास फलों का भोग लगाया जाता है। जैसे- गन्ना अनिवार्य रहता है। इसके अलावा सिंघाड़ा, केला, सेब और अमरूद का भोग भी लगाया जाता है। घर में बनी चीजों का भोग भी लगा सकते हैं।
आरती के लिए अलग थाली तैयार करें। इसमें घी का दीपक रखें। कपूर भी शामिल करें। परिवार के सभी सदस्यों की पूजा पूरी होने के बाद सभी मिलकर आरती करें। पहले गणेश जी और फिर लक्ष्मी जी की आरती गाएं।
सभी लोग बारी-बारी से आरती लें। फिर प्रसाद ग्रहण करें। पूजा में रखें दीपक जलाएं और घर में अलग-अलग स्थानों पर रखें। इसके बाद आतिशबाजी करें। सभी मिलकर भोजन करें।

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