कोविड 19 अपडेट

कोरोना वायरस

कोरोना वायरस (Coronavirus) आरएनए वायरस का एक समूह है (RNA Viruses) जो स्तनधारियों और पक्षियों को प्रभावित करता है. यह मनुष्यों और पक्षियों के विंड पाइप और लंग्स को संक्रमित करता हैं जो हल्के से लेकर घातक तक हो सकते हैं. इंसानो में हल्की और सामान्य सर्दी की तरह हो सकता है या फिर SARS, MERS जैसे अधिक घातक हो सकता है. कोरोना वायरस यानी COVID-19 को महामारी का कारण बताया गया हैं ( SARS, MERS and COVID-19).

कोरोना वायरस का जीनोम आकार 26 से 32 किलोबेस के बीच होता है ( Genome Size of Coronaviruses). उनके पास खास क्लब-आकार की स्पाइक्स हैं जो उनकी सतह से प्रोजेक्ट होती हैं. यह इलेक्ट्रॉन माइक्रोग्राफ में सौर कोरोना की याद ताजा कराती है, जिससे उसका नाम निकला है (Reminiscent of Solar Corona).

“कोरोना वायरस” नाम लैटिन कोरोना से लिया गया है (Latin Corona), जिसका अर्थ है “मुकुट” या “पुष्पांजलि”. यह नाम जून अल्मेडा और डेविड टायरेल द्वारा गढ़ा गया था (June Almeida and David Tyrrell) जिन्होंने पहली बार मानव कोरोना वायरस को देखा और अध्ययन किया था. इस शब्द का प्रयोग पहली बार 1968 में नेचर जर्नल में वायरस के नए परिवार को नाम देने के लिए किया गया था (Etymology of Coronavirus).

जानवरों में कोरोना वायरस संक्रमण की सबसे पहली रिपोर्ट 1920 के दशक के अंत में उत्तरी अमेरिका में पालतू मुर्गियों श्वसन संक्रमण के दौरान आई (Earliest Reports of Coronavirus Infection in Animals).

मानव कोरोना वायरस की खोज 1960 के दशक में की गई थी. ई.सी. केंडल, मैल्कम बायनो और डेविड टायरेल ने 1961 में एक असामान्य सर्दी-जुकाम के वायरस को B814 नाम किया था (Discovery of Human Coronaviruses). कोरोना वायरस बड़े, मोटे तौर पर गोलाकार कण होते हैं जिनकी सतह बिल्कुल अलग होती है. उनका आकार 80 से 120 एनएम के औसत व्यास के साथ बेहद परिवर्तनशील है. इनका कुल आणविक द्रव्यमान औसतन 40,000 है. वे कई प्रोटीन अणुओं के साथ एक कवर में होते हैं. लिपिड बाइलेयर कवर, झिल्ली प्रोटीन, और न्यूक्लियोकैप्सिड वायरस की रक्षा करते हैं (Structure of Coronavirus).

कोरोना वायरस से संक्रमित कैरियर वातावरण में वायरस को फैला सकते हैं. कोरोना वायरस मुख्य रूप से एपिथेलियल कोशिकाओं को निशाना बनाते हैं. ये वायरस एक एयरोसोल, फोमाइट, या फेकल-ओरल मार्ग द्वारा, कोरोनावायरस वेरिएंट के आधार पर, एक मेजबान से दूसरे मेजबान में फैलते हैं (Coronavirus Transmission).

मानव कोरोना वायरस श्वसन पथ की एपिथेलियल कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं, जबकि पशु कोरोनावायरस आमतौर पर पाचन तंत्र की एपिथेलियल कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं. उदाहरण के लिए, SARS कोरोना वायरस, एंजियोटेंसिन-कंवर्टिंग एंजाइम 2 (ACE2) रिसेप्टर से जुड़कर एक एयरोसोल मार्ग के माध्यम से फेफड़ों की मानव एपिथेलियल कोशिकाओं को संक्रमित करता है (Human Coronaviruses Infect Epithelial Cells of Respiratory Tract).

 

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