मनोकामना पूरी होने पर कितनी बार चढ़ाएं कावड़? जानें इससे जुड़ी धार्मिक मान्यता और नियम
08-Jul-2025
सावन का महीना शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस पवित्र महीने में भक्त दूर-दूर से जल लेकर पैदल यात्रा करते हैं और ‘कावड़’ के रूप में भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं. इसे श्रद्धा, भक्ति और संकल्प की चरम अभिव्यक्ति माना जाता है.
लेकिन एक सवाल अक्सर भक्तों के मन में उठता है, यदि भगवान शिव ने मनोकामना पूरी कर दी तो कावड़ कितनी बार चढ़ाई जाए? क्या कोई विशेष नियम है?
मान्यता क्या कहती है? (Sawan 2025)
हिंदू लोक मान्यताओं के अनुसार यदि आपकी कोई महत्वपूर्ण मनोकामना पूरी हो जाती है तो कम से कम एक बार कावड़ लेकर शिवधाम अवश्य जाना चाहिए. यह एक प्रकार की कृतज्ञता है. ईश्वर के प्रति आभार प्रकट करने का तरीका. हालांकि यह संख्या एक से अधिक भी हो सकती है. कई श्रद्धालु तीन बार, पाँच बार या ग्यारह बार तक कावड़ चढ़ाने का संकल्प लेते हैं.
यह पूरी तरह व्यक्तिगत आस्था और संकल्प पर निर्भर करता है. कुछ भक्त मनोकामना पूरी होने के बाद हर साल कावड़ ले जाते हैं, जबकि कुछ एक बार संकल्प पूरा कर उसे विराम दे देते हैं.
क्या है कावड़ ले जाने का नियम? (Sawan 2025)
कावड़ यात्रा हमेशा पैदल और नंगे पांव पूरी की जाती है.
जल किसी पवित्र नदी से लिया जाता है. गंगाजल को सर्वश्रेष्ठ माना गया है.
जल चढ़ाने तक कावड़ को जमीन पर नहीं रखा जाता.
संकल्पित कावड़ (मनोकामना से जुड़ी) को बेहद सावधानी और शुद्धता से पूरा किया जाता है.