NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले ने देश को हिलाकर रख दिया है। मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं और इसके तार मकड़जाल की तरह एक आरोपी से दूसरे आरोपी और एक राज्य से दूसरे राज्यों तक जुड़ते जा रहे हैं। पेपर लीक कांड की शुरुआत बिहार (Bihar) के पटना से शुरू होती है। इसके बाद झारखंड (Jharkhand) के हजारीबाग (Hazaribagh) कनेक्शन सामने आता है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी है इसमें यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र (Maharashtra) का नाम जुड़ जाता है। अब गुजरात (Gujarat) के गोधरा (Godhra) से भी पेपर लीक के तार जुड़ते नजर आए हैं। CBI इस मामले में एक्शन में है और लगातार विभिन्न राज्यों में जाकर आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
इधर नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई की टीम तीसरे दिन रविवार को बेऊर जेल पहुंची। वहां 13 आरोपियों से 7 घंटे से अधिक पूछताछ की। इसमें अधिकांश प्रश्नों के उत्तर कमोबेस एक ही थे। हालांकि, आरोपियों ने कई प्रश्नों के उत्तर एक-दूसरे से अलग दिए। साथ ही सीबीआई हजारीबाग से गिरफ्तार ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. एहसानुल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम, जमालुद्दीन को 5 दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।
सीबीआई ने रिमांड पर लिए गए सभी आरोपियों को अलग-अलग पूछताछ के बाद आमने-सामने बैठा कर भी पूछताछ की। सभी आरोपियों से एक प्रश्न कॉमन रहा कि पेपर लीक का मास्टर माइंड कौन है। टीम लगातार मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही। आरोपियों से सख्ती से पूछताछ जारी है।
गुजरात के गोधरा में मिले सबूत
गुजरात के नए नए जिलों में इस धांधली के तार जुड़ते दिख रहे हैं। गोधरा में नकल के आरोप के बाद गुजरात पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें तुषार भट्ट, रॉय, पुरुषोत्तम शर्मा, शिक्षा सलाहकार विभोर आनंद और स्कूल शिक्षकों से जुड़े मध्यस्थ आरिफ वोहरा का नाम शामिल है। पहला एक्शन 15 रोज पहले पंचमहल जिले के गोधरा में हुआ लेकिन अब अहमदाबाद से खेड़ा-आनंद तक के नाम सामने आ रहे है। कई जिलों में सीबीआई की छापेमारी हो रही है। जिस तरीके से पटना के सेंटरों पर माफिया ने सब कुछ मैनेज कर रखा था एसा लगता है कि गोधरा के एक स्कूल पर भी सब कुछ सेट था।
गुजरात में नीट परीक्षा धांधली को लेकर सीबीआई पांच दिन से जांच कर रही है लेकिन अब तक की जांच से ये साफ हो गया है कि गोधरा में जो धांधली पकड़ी गई उसका लिंक भी कई राज्यों से है। ऐसा इसलिए क्योंकि गोधरा में परीक्षा देने वाले कुछ बच्चे ऐसे थे जो दूरदराज के राज्यों से आए थे। सवाल ये कि अपने राज्य छोडकर इन बच्चों को गोधरा और वडोदरा के पते देकर गोधरा सेंटर पर परीक्षा देने की जरूरत क्यों हुई? राजस्थान, महाराष्ट्र, यूपी, बिहार के छात्रों ने गोधरा सेंटर सलेक्ट किया था।
पेपर लीक का लातूर कनेक्शन
लातूर और पूरे महाराष्ट्र में नीट धांधली के ऐसे सबूत मिले है जो अपने आप में इस पूरे घोटाले की धज्जियां उडाने के लिए काफी है। यहां लातूर बीड और आसपास के जिलों में दलाल पहुंचे. बच्चों और उनके पैरेंट्स से लाखों रुपए लिए और फिर इनको पटना ले जाकर परीक्षा दिलाई। ये खेल सालों से चल रहा था. नीट के काउंसलर एनटीए को सबूतों के साथ बता रहे थे कि ये बड़ा खेल चल रहा है लेकिन एनटीए कानों में तेल डालकर बैठा रहा। एजेंट लातूर से लेकर दूसरे शहरों में एक्टिव थे जो महाराष्ट्र के बच्चों को पटना या कर्नाटक के शहरों में नीट परीक्षा दिलाते थे। पहले घोटाले का लेवल समझिए. लातूर से पटना 2000 किलोमीटर है. लातूर का बच्चा परीक्षा सेंटर पटना चुनता है क्योंकि यहां पैसे देकर अच्छे नंबर मिलते है।
पटना से हजारीबाग तक गिरफ्तारियां
इधर पटना में इस घोटाले को लेकर सबसे तेज जांच चल रही है। स्कूल टीचर से लेकर प्रिंसिपल तक शिकंजे में फंस चुके है. हजारीबाग से लेकर पटना तक गिरफ्तारियां हुई हैं और सबने दो नाम अब तक उगले हैं। संजीव मुखिया और सिकंदर यादवेंदु. पटना में एक्शन तो हो रहा है लेकिन मुखिया अब तक फरार है. एहसान उल हक और इम्तियाज आलम से अब सीबीआई हर राज उगलवाने की कोशिश करेगी। शक ये है कि दोनों संजीव मुखिया गिरोह से ही जुडे थे और पेपर लीक कराने के काम में शामिल थे।
एहसानुल हक की कॉल डिटेल खंगालेगी
वहीं, पूछताछ में पेपर सबसे पहले कहां से लीक हुआ सवाल किया गया। आरोपियों ने इसका अलग-अलग जवाब दिया। इसके अलावा सीबीआई एहसानुल हक के 6 महीने की कॉल डिटेल खंगाल रही है। सीबीआई संदिग्ध नंबरों को चिन्हित कर उनकी भी कॉल डिटेल को खंगालेगी। साथ ही हक के बैंक खातों की भी जांच होगी।
28 जून को हजारीबाग से CBI ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था
इस केस में शुक्रवार (28 जून) को झारखंड के हजारीबाग से CBI ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज और पत्रकार जमालुद्दीन हैं। एजेंसी तीनों को शुक्रवार रात करीब 10 बजे हजारीबाग से पटना लेकर पहुंची थी। इस केस में 27 जून को बिहार के पटना से एजेंसी ने 2 लोगों को अरेस्ट किया था। एहसान उल हक समेत 3 लोगों से CBI ने शुक्रवार को दिनभर पूछताछ की। अब उन्हें स्पॉट पर ले जाकर टीम सबूतों को पुख्ता करेगी।