प्रदेश में भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में चावल लेने जगह नहीं है इससे राइस मिलरों को अत्यधिक कठिनाई एवं नुकसान उठाना पड़ रहा है.
प्रदेश में भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में चावल लेने जगह नहीं है इससे राइस मिलरों को अत्यधिक कठिनाई एवं नुकसान उठाना पड़ रहा है
छत्तीसगढ़ के राइस मिलर विगत वर्ष से अनेक कठिनाइयों से गुजर रहे हैं इसमें सबसे प्रमुख समस्या भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में चावल हेतु जगह नहीं है ।जगह नहीं होने से भारतीय खाद्य निगम चावल के लिए लगने वाले नंबर विंग ऐप को ही वर्ष 24- 25 के लिए ब्लॉक कर दिया गया है। अभी वर्ष 23 - 24 का ही चावल ले रहे हैं जिसके लिए भी पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है।
इस बार छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 150 लाख टन धान की खरीदी की गई है ।इसमें 43 लाख टन धान से चावल का निराकरण नागरिक आपूर्ति निगम में हो रहा है।
जबकि 79.25 लाख तन धान से चावल का निराकरण भारतीय खाद्य निगम में होना है। इसके लिए भारतीय खाद्य निगम में जगह नहीं है। भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों का कहना है गोदाम में एक वर्ष के पूर्व का चावल भी रखा हुआ है ।
चावल का मूवमेंट आवश्यक रूप से नहीं हो रहा है। जिससे जगह नहीं बन रहा है ।
राज्य सरकार द्वारा 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 धान की खरीदी की गई है उसमें अभी तक चावल अरवा रायपुर जिले लेना शुरू नहीं किया गया है ।चावल नहीं लेने पर राइस मिलों को धान में सुखद का नुकसान उठाना पड़ रहा है वही काम नहीं चलने से लेबरों की समस्या बनी हुई है। जबकि काम नहीं चलने से बिजली का न्यूनतम बिल भी मिलरों को पटना पड़ रहा है। यह समस्या का समाधान भारतीय खाद्य निगम छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के पास नहीं है । मिलर इस समस्या से लंबे नुकसान में है।
चावल के मूवमेंट प्लान नहीं मिलने से छत्तीसगढ़ में अतिरिक्त अच्छी क्वालिटी का चावल की डिमांड की जाती है ताकि गोदाम में चावल कम खराब हो ।
कैट के प्रदेश प्रभारी अध्यक्ष परमानंद जैन ने केंद्रीय खाद्य मंत्री श्रीमान प्रहलाद जोशी, केंद्रीय खाद्य सचिव तथा अध्यक्ष एवं मैनेजिंग डायरेक्टर - भारतीय खाद्य निगम को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया है।
धन्यवाद
भवदीय
परमानंद जैन
प्रदेश प्रभारी अध्यक्ष
कॉन्फ़िडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स
फोन नंबर 78691 16880