छत्तीसगढ़ /

फुटपाथों पर अतिक्रमण, पीआईएल पर हाई कोर्ट ने कलेक्टर से मांगा जवाब

छत्तीसगढ़ संवाददाता बिलासपुर, 23 जनवरी। शहर के फुटपाथ अब कारोबार का केंद्र बन गए हैं, जिससे आम लोगों के लिए चलने की जगह खत्म हो चुकी है। हर सडक़ के फुटपाथ पर ठेले, गुमटी और दुकानों का सामान रखा गया है, जिससे ट्रैफिक जाम और हादसों की समस्या गंभीर हो गई है। इस मुद्दे पर हाई कोर्ट ने बिलासपुर के कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को जवाब देने का निर्देश दिया है। फुटपाथ पर अतिक्रमण और यातायात नियमों के उल्लंघन के खिलाफ संस्कार राजपूत ने एडवोकेट सिद्धांत दास, सिद्धांत त्रिवेदी और इमाम सिद्दिकी के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। याचिका में बताया गया कि ठेले और गुमटी लगाने, दुकानों का सामान फुटपाथ पर रखने और अनधिकृत पार्किंग के कारण पैदल चलने वालों को सडक़ पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसके चलते दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है और बच्चों तथा बुजुर्गों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल की खंडपीठ ने प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा, पहले सडक़ पर गुमटी और ठेले लगवा दिए जाते हैं, बाद में कार्रवाई की जाती है। सडक़ों पर पूरा कारोबार खड़ा कर दिया गया है, जिससे पैदल चलने वालों के लिए कोई जगह नहीं बची है। याचिका में बताया गया कि शहर के मार्केट और कॉम्प्लेक्स के बाहर पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण हालात और बिगड़ गए हैं। इस वजह से वाहन सडक़ पर खड़े किए जा रहे हैं, जिससे यातायात बाधित हो रहा है। हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अगली सुनवाई 12 फरवरी 2025 को निर्धारित की है। कोर्ट ने कलेक्टर और निगम आयुक्त से इस समस्या पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

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