हाथियों के दल ने 2 को कुचला, मृतक की पत्नी ने भागकर बचाई जान, बीती रात 2 बजे की घटना.. घटना घटने के बाद गाँव का माहौल गरमाया.. आक्रोशित ग्रामीण वन आमले की टीम पर पथराव करने की कोशिश..
कोरिया |
22-May-2022
मनेन्द्रगढ़| कुछ दिनों पूर्व मध्यप्रदेश में तांडव मचा कर वापस लौटे हाथियों के दल ने वन मण्डल मनेन्द्रगढ़ के वन परिक्षेत्र जनकपुर से 15 किमी. दूर बेलगांव में पिता एवं पुत्री को रौंद कर मार डाला वही मृतक की पत्नी ने भाग कर अपनी जान बचाई.
"एक बार फिर दिखा हाथियों का आतंक"
हाथियों के दल ने 2 को कुचला. पिता और पुत्री की हुई मौत. मृतक की पत्नी ने भागकर बचाई जान. जनकपुर रेंज के बेलगांव इलाके की घटना. एमपी से वापस लौटा है 10 हाथियों का दल.
हाथी दलों के हमले से बेलगांव में पिता पुत्री की मौत पर सविप्रा उपाध्यक्ष एवं विधायक गुलाब कमरो ने गहरी संवेदना व्यक्त की है, विधायक ने वन व पुलिस के उच्चाधिकारियों से चर्चा कर दिए आवश्यक निर्देश. विधायक गुलाब कमरो ने ग्रामीणों से हाथियों से दूर रहने व जंगल न जाने की अपील. वहीं दूसरी तरफ विधायक गुलाब कमरो ने अपने दौर कार्यक्रम को स्थगित कर घटनास्थल बेलगांव के लिए रवाना हुए, वही डीएफओ मनेन्द्रगढ़ भी घटनास्थल पहुँचने के लिए हुए रवाना.
"खड़े हो रहे कई सवाल"
रात 12 बजे की घटना मृतक के परिजनों द्वारा बताई गई है. क्या कारण था कि 9 घण्टे तक वन अमला पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर नही पहुच सके? जनकपुर से कितनी दूर यह घटना हुई है जो इतना समय लगा. इस पर संज्ञान जरुर लेना चाहिए.!
"वन विभाग के अधिकारी से हुई चर्चा के अनुसार"
वन विभाग के एक अधिकारी से हुई बातचीत में बताया गया कि सुबह 6 बजे जब वन विभाग की टीम जा रहे थे तो घटनास्थल से 1 किलोमीटर पहले ग्रामीणों के आक्रोश को देखकर वापस आ गए.
पहला सवाल लौटकर रास्ते से वन विभाग ने पुलिस को सूचना दी क्या? यदि हा तो वह अमला जिसमे 3 रेंज के लोग शामिल थे उनको जनकपुर थाने तक क्यो आना पड़ा? सुबह 6 बजे के बाद जनकपुर आकर वापस पुलिस के साथ जाने में 9 बज गए इतनी बड़ी घटना के मामले में?
वही ग्रामीणों और मौजूद लोगों का कहना है कि कोई भी 8 घण्टे बीत जाने के बाद भी नही आया.
कलेक्टर को मौके पर बुलाने की भी बात कह रहे है तभी शव को उठाया जाएगा.
वहीं दूसरी तरफ मौके पर तहसीलदार के साथ पहुँची पुलिस टीम, वन अमला अब तक नही पहुँचा. शव को पीएम के लिये नही ले जाने दे रहे है ग्रामीण.