बंजारी माता के मंदिर में सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि मां से आशार्वाद लेने नाग-नागिन का जोड़ा भी आता है
रायपुर के बंजारी माता मंदिर में नाग-नागिन के जोड़े के आने की मान्यता सदियों पुरानी है। मंदिर के पुजारी के अनुसार, नाग-नागिन के जोड़े माता के दर्शन के लिए आते हैं, और यह मान्यता है कि देवी उनकी इच्छाओं को पूरा करती है।
बंजारी माता मंदिर में नाग-नागिन जोड़े के आने का इतिहास:
ऐतिहासिक मान्यता:
बंजारी माता मंदिर में नाग-नागिन के जोड़े के आने की मान्यता सदियों पुरानी है। स्थानीय लोगों में यह विश्वास है कि देवी नाग-नागिन के जोड़े की भी इच्छाओं को पूरा करती है।
पुजारी का दावा:
मंदिर के पुजारी के अनुसार, पहले केवल एक या दो सांप के जोड़े ही यहां आया करते थे, लेकिन अब इनकी संख्या में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी होती जा रही है।
देवी का आशीर्वाद:
नाग-नागिन के जोड़े को माता का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं, और यह मान्यता है कि माता उनकी इच्छाओं को पूरा करती है।
नवरात्रि में विशेष रूप से आते हैं:
नवरात्रि के दौरान नाग-नागिन के जोड़े मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।
अन्य देवी-देवताओं के साथ:
नाग-नागिन के जोड़े के अलावा, मंदिर में अन्य देवी-देवताओं के भी दर्शन किए जाते हैं।
अन्य मान्यताएं:
मंदिर में अन्य मान्यताएं भी प्रचलित हैं, जैसे कि बंजर जमीन से प्रकट हुई माता और बंजारा जाति के लोगों की देवी होना।
बंजारी माता मंदिर का महत्व:
प्राचीन मंदिर:
बंजारी माता मंदिर एक प्राचीन मंदिर है, जो लगभग 500 साल पुराना है
बंजारी माता के मंदिर में सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि मां से आशार्वाद लेने नाग-नागिन का जोड़ा भी आता है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि वो अपने बचपन से माता पिता के साथ मंदिर की देखरेख कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह लोग यहां अपनी मुराद पूरी करने के लिए आते हैं, वैसे ही नाग नागिन का जोड़ा भी आता है।