संस्कृति

क्यों कहा जाता है आंखों के बीच ध्यान केंद्रित करने को, जानें आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण

  ध्यान करते समय अक्सर कहा जाता है कि आंखों के बीच स्थित आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित करें. यह स्थान माथे के मध्य में होता है और इसे तीसरी आंख का प्रतीक माना जाता है. यह केवल माथे का एक हिस्सा नहीं, बल्कि एक सूक्ष्म चेतना केंद्र है, जिसे आज्ञा चक्र कहा जाता है. जब हम ध्यान करते समय आंखें बंद करके इस बिंदु पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हमारी मानसिक ऊर्जा एकत्र होकर आंतरिक दृष्टि को जागृत करने लगती है.


तीसरी आंख क्या है? (Ajna Chakra Meditation)
तीसरी आंख कोई भौतिक अंग नहीं है, बल्कि यह अंतर्दृष्टि और आत्मिक ज्ञान का एक द्वार मानी जाती है. यदि यह जागृत हो जाए, तो साधक समय, स्थान और अहंकार से परे जाकर सत्य की झलक प्राप्त कर सकता है.

विज्ञान क्या कहता है? (Ajna Chakra Meditation)
ब्रेन साइंस के अनुसार यह क्षेत्र ‘पाइनल ग्रंथि’ (Pineal Gland) के समीप स्थित होता है, जो मेलाटोनिन हार्मोन और नींद-जागरण चक्र को नियंत्रित करती है. आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित करने से यह ग्रंथि सक्रिय होती है, जिससे मानसिक स्पष्टता, शांति और अंतर्ज्ञान की क्षमता बढ़ती है.

शुरुआत में हो सकती है दिक्कत (Ajna Chakra Meditation)
ध्यान की शुरुआत में इस बिंदु पर ध्यान केंद्रित करते समय हल्का तनाव या खिंचाव महसूस हो सकता है. इसलिए धीरे-धीरे अभ्यास करें और किसी अनुभवी मार्गदर्शक या गुरु से इसका उचित प्रशिक्षण लें.

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