संस्कृति

Chaturmas 2025 : कब से शुरू हो रहा है चातुर्मास, आम लोगों को भी करना चाहिए इसका पालन …

 चातुर्मास की शुरुआत 13 जुलाई 2025 से हो रही है, जब देवशयनी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा. इसका समापन 9 नवंबर 2025 को देवउठनी एकादशी के साथ होगा. इस दौरान भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं और कोई भी शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं. आज के युग में भी इसका पालन हमें मानसिक शांति, बेहतर स्वास्थ्य और संतुलित जीवनशैली देता है. अतः अपनी दिनचर्या में थोड़े से बदलाव लाकर आम लोग भी इसका लाभ ले सकते हैं.




क्या है चातुर्मास?
चातुर्मास संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है. चार महीने का विशेष संयमकाल. यह आषाढ़ शुक्ल एकादशी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है. इस काल को देवताओं का शयनकाल माना गया है और यही कारण है कि इसे धार्मिक तप, संयम, साधना और नियमों का काल कहा गया है.


चातुर्मास के नियम
इस दौरान 4 महीने विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. इस दौरान खाने को लेकर भी कुछ नियम बताए गए हैं. प्याज, लहसुन, मांसाहार, बैंगन, अधिक तला-भुना और कई बार दही तक वर्जित होता है. अधिकतर संत और गृहस्थ इस दौरान एकादशी, प्रदोष, पूर्णिमा आदि का व्रत रखते हैं. इस समय में सात्विक जीवन शैली अपनाई जाती है.

क्या आम लोगों को भी चातुर्मास का पालन करना चाहिए?
अक्सर लोगों के मन में यह प्रश्न आता है कि चातुर्मास तो केवल साधु संत के लिए होता है लेकिन ऐसा नहीं है. चातुर्मास का पालन हर व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार करना चाहिए. यह केवल संतों या ब्रह्मचारियों का विषय नहीं है.

गृहस्थ भी इस दौरान आहार संयम, संयमित व्यवहार और व्रत रख सकते हैं. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और मन को शुद्ध करने का अवसर है. बच्चों, नौकरीपेशा और गृहिणियों के लिए भी यह समय आत्मनिरीक्षण, साधना और सद्ग्रंथों के अध्ययन का होता है.
 

Leave Your Comment

Click to reload image