संस्कृति

रणथंभौर का त्रिनेत्र गणेश मंदिर: तीन आँखों वाले गणपति, दर्शन से मिलता है विशेष आशीर्वाद

 गणेश उत्सव अगर आप भक्ति, इतिहास और प्रकृति के संगम के साथ मनाना चाहते हैं, तो राजस्थान के रणथंभौर किले में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर की यात्रा आपके लिए सबसे उत्तम रहेगी. यह मंदिर न केवल अपने 700 साल से भी पुराने इतिहास के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ विराजमान भगवान गणेश की तीन आँखों वाली अनूठी प्रतिमा के कारण भी यह पूरे भारत में अपनी एक अलग पहचान रखता है.



गणेशोत्सव का अनूठा उत्सव (Ranthambore Ganesh Temple)
गणेश चतुर्थी पर यहाँ हर साल एक विशाल लक्खी मेला आयोजित होता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों भक्त बप्पा के दर्शन करने आते हैं. इस दौरान पूरा रणथंभोर किला “गणपति बप्पा मोरया!” के जयकारों से गूंज उठता है. भक्तों का जोश और श्रद्धा देखने लायक होती है. इस समय मंदिर परिसर में भजन, कीर्तन और भंडारे का आयोजन होता है, जिससे यहाँ का माहौल पूरी तरह से भक्तिमय हो जाता है.


आमंत्रण की अनोखी परंपरा (Ranthambore Ganesh Temple)
गणेश उत्सव में यहाँ की एक और खास बात है गणेश जी को सीधे डाक से भेजे जाने वाले पत्र! जी हाँ, भक्त अपनी शादी के कार्ड, नए काम की शुरुआत का निमंत्रण और अपनी मनोकामनाएं लिखकर सीधे भगवान गणेश को भेजते हैं. इन पत्रों को पुजारी द्वारा बप्पा के चरणों में रखा जाता है. यह परंपरा इस बात का प्रतीक है कि गणेश जी को परिवार का एक हिस्सा माना जाता है और उन्हें हर खुशी में शामिल किया जाता है. इस गणेश उत्सव, रणथंभोर आकर त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन करें और उनकी असीम कृपा का अनुभव करें.

Leave Your Comment

Click to reload image