संस्कृति

Lunar Eclipse 2025: साल का सबसे लंबा चंद्रग्रहण, सूतक से पितृपक्ष तक, जानें धार्मिक मान्यताएं और खास नियम

 Lunar Eclipse 2025: देशभर में 7 सितंबर की रात खगोलीय और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत खास होगी. इस दिन साल का सबसे लंबा और अंतिम पूर्ण चंद्रग्रहण लगने जा रहा है, जो पूरे भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा. ग्रहण का समय रात 8:58 बजे से शुरू होकर 1:25 बजे तक रहेगा और इसकी मुख्य अवधि 9:57 बजे से 1:27 बजे तक मानी गई है.



सूतक काल का आरंभ और धार्मिक रोक (Lunar Eclipse 2025)
भारतीय पंचांग के अनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होकर ग्रहण समाप्ति तक लागू रहेगा. इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे और मूर्तियों को स्पर्श करना वर्जित होगा. पूजन, भोजन और शुभ कार्यों पर पूर्णत: रोक रहेगी.


तुलसी पत्र और ग्रहण की सावधानियां (Lunar Eclipse 2025)
धार्मिक मान्यता है कि सूतक काल से पहले तैयार भोजन में तुलसी पत्र डाल देना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय घर से बाहर न निकलने और नुकीली वस्तुओं का प्रयोग न करने की सलाह दी जाती है. ग्रहण के दौरान शारीरिक संबंध, नींद और मांगलिक कार्य वर्जित बताए गए हैं.

मंत्र जप और दान का महत्व (Lunar Eclipse 2025)
ग्रहण काल में भक्तों को मानसिक रूप से मंत्र जप, ध्यान और स्तुति करने की परंपरा है. ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना और शुद्ध भोजन-पेय ग्रहण करना आवश्यक माना जाता है. साथ ही ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान देने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है.

पितृपक्ष की शुरुआत से बढ़ा महत्व (Lunar Eclipse 2025)
इसी दिन पितृपक्ष की भी शुरुआत हो रही है, जिससे ग्रहण का महत्व और बढ़ जाता है. मान्यता है कि इस समय किया गया तर्पण, पितरों को शीघ्र तृप्त करता है और परिवार को समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
 

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