महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री: वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा, यह सवाल हाल के विधानसभा चुनावों के बाद से गर्म विषय बना हुआ है। चुनावों में महायुति (शिवसेना, भाजपा और अजित पवार की एनसीपी) ने शानदार जीत हासिल की है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है।
भाजपा और शिवसेना के बीच मतभेद
भाजपा ने स्पष्ट रूप से देवेंद्र फडणवीस को अगला मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा जताई है, जबकि शिवसेना ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सरकार बनाने की मांग की है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संबूराज देसाई ने कहा कि पार्टी के सभी विधायक चाहते हैं कि शिंदे एक बार फिर मुख्यमंत्री बनें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर इन दोनों दलों के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है, और निर्णय लेने का अधिकार शिंदे को दिया गया है।
राजनीतिक समीकरण और संभावनाएँ
हालांकि, भाजपा ने 'बिहार मॉडल' को खारिज कर दिया है, जिसमें अधिक सीटें जीतने के बावजूद एक छोटे दल के नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाता है। भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा का संगठन और नेतृत्व मजबूत है, इसलिए वे किसी भी ऐसे समझौते में नहीं जाएंगे।
इस बीच, एकनाथ शिंदे ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लिए गए निर्णय को स्वीकार करेंगे। इस प्रकार, राजनीतिक खेल में सभी की निगाहें दिल्ली पर लगी हुई हैं, जहाँ अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
भाजपा का दृष्टिकोण
भाजपा का कहना है कि वे मुख्यमंत्री के उम्मीदवार की घोषणा में जल्दबाज़ी नहीं करेंगे। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि मंत्री पदों का वितरण पहले तय किया जाएगा। भाजपा ने 132 सीटें जीती हैं, जबकि शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीती हैं। इस संदर्भ में, भाजपा की इच्छा है कि केंद्रीय नेतृत्व उचित समय पर अपने फैसले की घोषणा करे।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में वर्तमान स्थिति जटिल है। शिवसेना और भाजपा के बीच सत्ता-साझाकरण की बातचीत जारी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन नेता अंततः मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा। राजनीतिक समीकरणों और दलों की रणनीतियों के तहत, महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण फैसले होंगे।