देश-विदेश

पहलगाम आतंकी हमले की इनसाइड स्टोरीः धर्म पूछा, कलमा पढ़ने को कहा और गोली चला दी, आतंकियों ने हिंदुओं को चुन-चुनकर मारी गोली, चश्मदीदों ने बताई आंखों देखी

 जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में दिल दहला देने हमले को अंजाम देते हुए आतंकियों ने 26 लोगों की जान ले ली। यह घटना पहलगाम में उस जगह हुई जिसे मिनी स्विटजरलैंड कहा जाता है और पर्यटकों के लिए यह पसंदीदा जगहों में से एक है। पहलगाम के बैसारन घाटी इलाके मंगलवार दोपहर 2.45 सेना की वर्दी पहने हुए दो आतंकवादी पहुंचे। आतंकियों ने वहां मौजूद लोगों ने धर्म पूछा और कलमा पढ़ने को कहा और गोली टारगेट किलिंग करते चले गए। आतंकियों के निशाने पर विशेषकर हिंदू रहे। आतंकियों ने हिंदुओं को चुन-चुनकर किसी के सिर तो किसी के सीने में गोली मारी।



हमले में बचे लोगों ने बताया कि हमलावरों ने सिर्फ पुरुषों को निशाना बनाया और खास तौर पर हिंदुओं से जबरन कलमा पढ़वाने की कोशिश की। जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई। महाराष्ट्र के पुणे से पहलगाम घूमने आईं आसावरी के पापा को आतंकियों ने उनके सामने ही तीन गोली मारी।

महाराष्ट्र के पुणे से पहलगाम घूमने आईं आसावरी ने कहा कि, ‘आतंकी लोकल पुलिस की वर्दी में थे और मास्क भी पहने हुए थे। उन्होंने बताया, ‘हमलावरों ने सिर्फ पुरुषों को निशाना बनाया और खास तौर पर हिंदुओं से जबरन कलमा पढ़वाने की कोशिश की। जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मारते चले गए।


पापा-चाचा को मारी गोली, कलमा पढ़ने को कहा

मेरे सामने मेरे पापा को तीन गोलियां मारी गईं। मेरे चाचा को भी गोली मारी गई। हम टेंट के पीछे छिपे हुए थे. जो लोग लोकल थे उन्होंने उन्हें डराया, उनको देखकर हम डर गए और हमने भी कलमा पढ़ा और हम वहां से भागकर दूर पहुंचे और घोड़ों से भागकर अपनी जान बचाई। आतंकियों ने बिल्कुल मुंबई के 26/11 वाले अंदाज में हमला किया था।


‘हमारा मजहब खतरे में…’
पीड़ित ने आगे बताया, “आतंकियों ने हमें ‘मोदी जी के नाम पर धमकाया और कहा कि ‘तुम लोगों ने मोदी को सिर पर चढ़ा रखा है, उसकी वजह से हमारा मजहब खतरे में है। घटनास्थल पर 50 से अधिक लोग मौजूद थे। घटना के बाद सेना ने लोगों को रेस्क्यू किया और अस्पताल पहुंचाया। 


कानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी के सामने मारी गोली

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी की मौत हो गई। आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, उनसे धर्म पूछा और शुभम को उनकी पत्नी के सामने गोली मार दी। जिस वक्त हादसा हुआ तब शुभम और उनकी पत्नी घुड़सवारी कर रहे थे। आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम सीमेंट कारोबारी हैं. 17 अप्रैल को वो अपनी पत्नी एशान्या, परिवार और रिश्तेदारों के साथ जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे। उनकी टीम में 11 सदस्य थे. शुभम के भाई सौरभ ने बताया कि उन्हें दोपहर तीन बजे फोन आया कि आतंकी हमला हुआ है और शुभम को गोली मार दी। उन्होंने बताया की एशान्या से बात हुई, वो घबराई हुई यहीं और रो रहीं थीं। पता चला कि काफी देर तक भगदड़ मची रही।
 

Leave Your Comment

Click to reload image