परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम : लड़ाकू विमान सुखोई के टायर वाले रथ पर सवार होंगे भगवान जगन्नाथ, टूटी 48 साल पुरानी परंपरा
02-Jun-2025
कोलकाता में इस साल निकलने वाली इस्कॉन रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ सुखोई लड़ाकू विमान के टायरों पर सवार होकर घूमेंगे। पिछले 48 सालों से इस रथ यात्रा में बोइंग विमान के टायरों का इस्तेमाल किया जा रहा था। लेकिन अब इस दशकों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए इस रथ यात्रा में सुखोई लड़ाकू विमान के टायरों का इस्तेमाल किया जा रहा था। यानि इस बार भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ सुखोई लड़ाकू विमान के टायरों पर सवार होकर धीमी गति से अग्रसर होंगे।
15 सालों से टायरों का रिप्लेसमेंट तलाशा जा रहा था
पिछले 48 सालों से इस रथ यात्रा में बोइंग विमान के टायरों का इस्तेमाल किया जा रहा। अब इस परंपरा को तोड़ते हुए रथ में यह बदलाव लाया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि बोइंग के टायर काफी पुराने हो चुके थे। यहीं नहीं पिछले 15 सालों से बोइंग के टायरों का रिप्लेसमेंट तलाशा जा रहा था। इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने बताया कि सुखोई के टायरों का व्यास (डायामीटर) बोइंग के टायर्स से मिलता-जुलता है। इस वजह से ये फैसला लिया गया कि इस रथ में सोखोई की टायर लगाए जाएंगे। अब बोइंग के टायर्स मिलने बहुत मुश्किल हैं।
कंपनी रह गई हैरान
राधारमण दास ने बताया कि सुखोई के टायर बनाने वाली कंपनी से कोटेशन मांगने पर वो हैरान रह गई। कंपनी को समझ नहीं आया कि उससे रथ यात्रा के लिए कोटेशन क्यों मांगा जा रहा है। इसके बाद इस्कॉन की ओर से पूरे हालात से कंपनी को अवगत कराया गया। कंपनी की एक टीम कोलकाता बुलाई गई और उनको रथ दिखाया गया।
परंपरा और आधुनिकता का अनूठा संगम
इस्कॉन के प्रवक्ता ने बताया कि इस साल भगवान जगन्नाथ सुखोई की टायरों से सुसज्जित रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे। यह न केवल तकनीकी तौर पर बड़ा बदलाव है, बल्कि परंपरा और आधुनिकता के अनूठे संगम का भी प्रतिक है। उन्होंने बताया कि जब कंपनी की टीम ने देखा कि ये तीनों रथ पिछले 48 वर्षों से बोइंग विमान के पहियों पर चल रहे हैं, तो वो इस्कॉन को सुखोई के चार टायर उपलब्ध सहमत हो गए। फिलहाल इन चार टायर्स को लगाने का काम किया जा रहा है।