स्पेस से लौट रहे शुभांशु शुक्ला: किस रॉकेट से धरती पर वापस आएंगे? कितनी होगी स्पीड? कितने बजे होगी लैंडिंग?
14-Jul-2025
भारतीय एस्ट्रोनॉट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अपना मिशन पूरा करने के बाद स्पेस से धरती पर लौट रहे हैं। एक्सियम-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर गए शुभांशु 18 दिन ISS पर बिताने के बाद 15 जुलाई को दोपहर करीब 3 बजे पृथ्वी पर लैंड कर सकते हैं। 14 जुलाई शाम 4:30 बजे क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद शुभांशु का धरती पर आने का सफर शुरू हो जाएगा। नासा के अनुसार, उनका पृथ्वी पर सुरक्षित लैंडिंग 15 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे (भारतीय समयानुसार) निर्धारित है।
NASA ने जानकारी दी है कि इस मिशन में शामिल एस्ट्रोनॉट्स कई दुर्लभ और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सामग्रियां अंतरिक्ष से लेकर लौट रहे हैं। इनमें 580 पाउंड (करीब 263 किलो) वजनी वैज्ञानिक उपकरण, नासा का स्पेस हार्डवेयर और 60 से अधिक साइंस एक्सपेरिमेंट्स के डेटा शामिल हैं। ये प्रयोग अंतरिक्ष में किए गए हैं और भविष्य की स्पेस टेक्नोलॉजी व मेडिकल साइंस के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं।
Axiom-4 टीम में कौन-कौन हैं?
इस मिशन के चार सदस्यीय दल में शामिल हैं.
पैगी व्हिटसन- मिशन कमांडर
शुभांशु शुक्ला- पायलट
स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की- मिशन विशेषज्ञ
टिबोर कापू – मिशन विशेषज्ञ
1. अनडॉकिंग: स्पेस स्टेशन से अलग होगा यान
क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट धीरे-धीरे ISS से अलग होगा। इस प्रक्रिया को अनडॉकिंग कहा जाता है। यह पूरी तरह स्वचालित (ऑटोमैटेड) होती है, लेकिन अंतरिक्ष यात्री इसे सतर्कता से मॉनिटर करते हैं।
2. पृथ्वी की ओर वापसी की तैयारी
अनडॉकिंग के बाद स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी की ओर बढ़ेगा, फिर retrograde burn के ज़रिए रॉकेट फायरिंग की जाएगी ताकि यान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश कर सके।
3. वायुमंडल में प्रवेश और जबरदस्त घर्षण
जैसे ही यान पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल होगा, उसे जबरदस्त गर्मी और घर्षण का सामना करना पड़ेगा। इस समय यान की रफ्तार करीब 28,000 किमी/घंटा होगी, जो उतरते समय धीरे-धीरे कम हो जाएगी।
4. पैराशूट से सुरक्षित लैंडिंग
वायुमंडल में प्रवेश के बाद पहले छोटे और फिर बड़े पैराशूट खुलेंगे, जो यान की रफ्तार को काफी कम कर देंगे। यह प्रक्रिया यान की सुरक्षित स्प्लैशडाउन लैंडिंग सुनिश्चित करती है। नासा के अनुसार, यदि मौसम अनुकूल रहा तो शुभांशु शुक्ला और उनका दल कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में उतरेंगे। नासा इस लैंडिंग को लाइव प्रसारित भी करेगा।
5. वापसी का समय और रिकवरी
अनडॉकिंग से लेकर स्प्लैशडाउन तक की प्रक्रिया में कुल 12 से 16 घंटे लग सकते हैं। क्रू ड्रैगन आमतौर पर अटलांटिक महासागर या गल्फ ऑफ मेक्सिको में उतरता है। स्पेसX की रिकवरी टीम तुरंत पहुंचकर यान को जहाज पर लिफ्ट करती है और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालती है।
अंतरिक्ष में आम रस और गाजर का हलवा लेकर पहुंचे थे शुक्ला
शुभांशु शुक्ला के लिए यह अंतरिक्ष यात्रा कई मायनों में खास रही। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। इससे पहले, 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत रूस के सैल्यूट-7 मिशन के तहत अंतरिक्ष की उड़ान भरी थी। अब शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। अपनी इस ऐतिहासिक यात्रा में शुक्ला अपने साथ भारत की खास मिठास भी ले गए थे। आम रस और गाजर का हलवा। यह उनके लिए घर का स्वाद था, जो अंतरिक्ष में भी उनका साथ दे रहा था।