संस्कृति
महादेव तक पहुंचती है नंदी महाराज के इस कान में बोली हुई बात, मनोकामना होती है पूरी …
मान्यता है कि भगवान शिव के वाहन व परम भक्त नंदी महाराज के कान में धीरे-धीरे अपनी मनोकामना कहने से वह उसे सीधे महादेव तक पहुंचाते हैं. लेकिन सवाल उठता है – कौन सा कान? पुराणों और मंदिर परंपराओं के अनुसार, नंदी महाराज के दाहिने (दाएं) कान में अपनी मनोकामना कहनी चाहिए.
ईद-उल-अजहा 2025 : जून में इस तारीख को मनाई जाएगी बकरीद …
भारत में बकरीद (ईद-उल-अजहा) 2025 शनिवार, 7 जून को मनाई जाएगी, क्योंकि देश में 29 मई 2025 को धुल हिज्जा 1446 AH का चाँद देखा गया है. यह त्योहार पैगंबर इब्राहीम (अलैहि सलाम) की अल्लाह के प्रति निष्ठा और बलिदान की भावना को समर्पित है, जब उन्होंने अपने पुत्र की कुर्बानी देने की इच्छा जताई थी. इस अवसर पर मुसलमान नमाज अदा करते हैं, जानवरों की कुर्बानी देते हैं.
24 जून तक मेष राशि में गोचर करेंगे शुक्र देव, जानिए 12 राशियों पर क्या पड़ेगा असर …
प्रेम, सौंदर्य, कला और भौतिक सुखों के कारक शुक्र देव ने आज यानी 31 मई 2025 को प्रातः मेष राशि में प्रवेश कर लिया है. यह गोचर 24 जून 2025 तक प्रभावी रहेगा. मेष राशि अग्नि तत्व और मंगल की राशि है, जहां शुक्र की स्थिति सामान्यतः संघर्षमय मानी जाती है. ऐसे में यह गोचर कई राशियों के लिए उत्साह और नई पहल लेकर आएगा, तो कुछ को रिश्तों और खर्चों के मामले में संयम रखना होगा. यह समय रचनात्मक कार्यों, कला, संगीत और डिजाइन से जुड़े लोगों के लिए अनुकूल है.
Gupt Navratri : इस तारीख से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि, तांत्रिक साधना, मंत्र सिद्धि और आत्मिक बल के लिए 9 दिन होते हैं खास
Gupt Navratri : आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 का आरंभ 26 जून गुरुवार को होगा, जो 4 जुलाई शुक्रवार तक चलेगा। इस नौ दिवसीय पर्व में देवी दुर्गा के दस महाविद्या रूपों की गुप्त साधना की जाती है, जिसे तांत्रिक साधना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
Rohini Vrat: इस तारीख को रखा जाएगा अगला रोहिणी व्रत, जानिए पूजा विधि
27 मई 2025 से शुरू हुआ रोहिणी व्रत अब श्रद्धालु 27 जून 2025, शुक्रवार को रखेंगे. यह व्रत चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में आने पर किया जाता है और विशेष रूप से महिलाएं इसे धर्म, स्वास्थ्य और परिवार की समृद्धि के लिए करती हैं. यह व्रत वर्ष में लगभग 12 से 13 बार आता है और इसे कम से कम 5 वर्ष तक करने की परंपरा है. श्रद्धालु अपनी सामर्थ्य अनुसार इसे 7, 9 या 11 वर्षों तक भी कर सकते हैं. व्रत की समाप्ति पर उद्यापन (उपसंहार) कर पुण्य लाभ अर्जित किया जाता है.
Festival in June Month : जून माह में आने वाले हैं यह प्रमुख त्योहार,
जून 2025 का महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, जिसमें कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे. यह माह ज्येष्ठ और आषाढ़ मास के संगम का समय है, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक साधना और पुण्य अर्जन का अवसर प्रदान करता है. यह महीना धार्मिक आस्था, उपवास, पूजा और सामाजिक एकता के विविध रंगों से परिपूर्ण रहेगा. भक्तजन इन व्रतों और त्योहारों के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति और पारिवारिक सुख-शांति की कामना करेंगे.
Uma Chaturthi Vrat: सौभाग्य और संतान सुख पाने के लिए महिलाएं रखती हैं उमा चतुर्थी व्रत, जानिए तिथि और पूजा विधि…
उमा चतुर्थी, जिसे कुमारिका व्रत भी कहा जाता है, देवी पार्वती (उमा) को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है. यह व्रत विशेष रूप से कन्याओं और विवाहित स्त्रियों द्वारा किया जाता है, जो सौभाग्य, विवाह और संतान सुख की प्राप्ति के लिए देवी उमा की उपासना करती हैं.
जगन्नाथ रथयात्रा 2025 : दो डेट को लेकर कन्फ्यूजन, कब निकलेगी जगन्नाथ रथ यात्रा…
पुरी (ओडिशा) में हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है. इस बार रथ यात्रा की दो तिथियों की वजह से श्रद्धालुओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है.
गंगा दशहरा की तैयारी शुरू, 5 जून को की जाएगी विशेष पूजा-अर्चना…
गंगा दशहरा 5 जून, गुरुवार को मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 4 जून की रात 11:54 बजे शुरू होगी और 6 जून की रात 2:15 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार, पर्व 5 जून को मनाया.
Rambha Teej Vrat : 29 मई को रखा जाएगा ये व्रत, जानें पूजन विधि, लाभ और प्रचलन क्षेत्र …
रंभा तीज व्रत (Rambha Teej Vrat) में 29 मई (गुरुवार) को रखा जाएगा. यह व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है और महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, सौभाग्य और वैवाहिक सुख के लिए किया जाता है. यह पर्व मुख्यतः उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड और राजस्थान जैसे उत्तर भारतीय राज्यों में प्रचलित है.
जून में सूर्य-मंगल समेत 4 ग्रह बदलेंगे अपनी चाल, इन राशियों की खुल सकती है किस्मत …
जून 2025 ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है. इस महीने सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र जैसे चार प्रमुख ग्रह अपनी चाल या राशि बदलने जा रहे हैं. इसका सीधा असर सभी 12 राशियों पर पड़ेगा. कुछ के लिए ये समय सफलता और समृद्धि लेकर आएगा, तो कुछ को सावधानी से कदम बढ़ाने की जरूरत होगी.
Chaturmasya 2025 : कब से हो रही है चातुर्मास की शुरुआत, इस महीने करें ये काम …
हिंदू धर्म में चातुर्मास को चार पवित्र महीनों की साधना यात्रा माना गया है. यह समय पूजा-पाठ, दान, व्रत और आत्मशुद्धि का है. मान्यता है कि इन महीनों में ईश्वर आराधना से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और जीवन के संकट दूर होते हैं.
इस बार बदले-बदले नजर आएंगे नौतपा के तेवर, मंगल-राहु के गोचर से बन रही बारिश की स्थिति
हर साल चिलचिलाती धूप और झुलसाने वाली गर्मी का प्रतीक माना जाने वाला नौतपा इस बार परंपरागत तपन नहीं बल्कि बदले हुए मिजाज के साथ शुरू हुआ है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, नौतपा की शुरुआत 25 मई से हुई है, जो 2 जून तक चलेगा। लेकिन इस बार की विशेषता यह है कि यह नौतपा अधिक गरमाहट नहीं, बल्कि बदलते मौसम और संभावित वर्षा का संकेत दे रहा है।
प्रसाद बाएं हाथ से क्यों नहीं चढ़ाना चाहिए? जानिए इसका धार्मिक रहस्य और प्रभाव
हिंदू धर्म में हर परंपरा के पीछे गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। ऐसा ही एक नियम है, प्रसाद कभी भी बाएं हाथ से नहीं चढ़ाना और न ही लेना चाहिए। यह केवल आस्था नहीं, बल्कि आत्मसंयम और शुद्धता का प्रतीक भी है।
नेपालियों के कंधों के सहारे होती है केदारनाथ धाम की यात्रा, पालकी पर सवार होकर बाबा के द्वार पहुंचते हैं श्रद्धालु
केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू हो गई. बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा है. बाबा की एक झलक पाने के लिए कोई पैदल, तो कोई खच्चर पर. पहाड़ियों के ऊपर स्थित बाबा के दरबार तक पहुंचना इतना आसान नहीं है. जवानों के लिए यह सफर कठिन होता है, तो फिर बुजुर्गों की बात करना बेमायने है. लेकिन बुजुर्ग श्रद्धालुओं के भी श्रद्धा, आस्था और भक्ति के सफर को पूरा कराने में मदद करते हैं नेपाल के पुरुष…
मंदिरों में संध्या आरती के समय घरों में नहीं होती पूजा, आखिर क्या है इसके पीछे की मान्यता …
हिंदू धर्म में संध्या आरती का विशेष महत्व है, जो प्रतिदिन सूर्यास्त के समय की जाती है. मंदिरों में गूंजती घंटियों, शंखनाद और दीपों की रौशनी से वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है. लेकिन एक पारंपरिक मान्यता के अनुसार, जब मंदिरों में संध्या आरती हो रही हो, उस समय घरों में पूजा या आरती नहीं की जाती. आखिर क्या है इसके पीछे की मान्यता और भावना?
कल से शुरू होगा नौतपा, पूरे 9 तक सूर्यदेव को ये चीजें अर्पित करने से जीवन में रहेगी ठंडक…
इस वर्ष नौतपा की शुरुआत 25 मई, शनिवार से होगी और 2 जून 2025 तक चलेगी. यह नौ दिनों की अवधि तब शुरू होती है जब सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करता है. इसे ग्रीष्मकाल का सबसे तप्त समय माना जाता है, जब सूर्य की किरणें पृथ्वी पर तीव्रतम होती हैं. इस समय सूर्य देव को शांत करने और उनके अनुकूल फल प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.