रोजगार

1 लाख स्कूल में पढ़ाने के लिए सिर्फ 1 शिक्षक:U-DISE की रिपोर्ट के मुताबिक कहीं स्कूल में 47 बच्चों पर एक शिक्षक; कहीं जीरो एनरोलमेंट

यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन यानी यूडाइस ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि कैसे स्कूल और शिक्षक के रेश्यो में बड़ा अंतर आया है। यूडाइस केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का डेटा बेस है, जिसका उद्देश्य सभी स्कूलों से शिक्षा से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करना है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एकेडमिक सेशन में 14.71 लाख स्कूलों में कुल 24.69 करोड़ स्टूडेंट्स पढ़े, फिर भी 7993 स्कूलों में एक भी स्टूडेंट नहीं था। 1 लाख से ज्यादा स्कूल में एक ही शिक्षक देश में 1,04,125 स्कूल ऐसे हैं जिनमें सिर्फ एक ही टीचर है, जबकि 7993 स्कूलों में एक भी एनरोलमेंट नहीं हुआ है यानी वहां एक भी स्टूडेंट नहीं पढ़ता है। ये डेटा यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यूडाइस) के एकेडमिक सेशन 2024-25 की रिपोर्ट में सामने आए हैं। हालांकि पिछले सेशन की तुलना में इन दोनों डेटा में कमी आई है। ये रिपोर्ट बताती है कि देश में पहली बार किसी एकेडमिक सेशन में शिक्षकों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा हुई है। 2023- 24 के सेशन में इनकी संख्या 98.83 लाख थी, जो अब 1,01,22,420 हो गए हैं। इनमें से 51% यानी 51.47 लाख शिक्षक सरकारी स्कूलों में हैं। स्कूल में 21 छात्रों पर 1 ही शिक्षक ये डेटा बताते हैं कि महिला शिक्षकों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। 2014-15 में पुरुष शिक्षक 45.46 लाख तो महिला 40.16 लाख थीं, जो 2024- 25 में बढ़कर पुरुषों की संख्या 46.41 लाख और महिलाओं की संख्या 54.81 लाख हो गई है। 2014 से अब तक 51.36 लाख भर्तियों में से 61% महिला शिक्षकों की हुई हैं। अब 21 छात्रों पर एक शिक्षक है पहले 31 पर थे। मिडिल लेवल पर 10 साल पहले एक शिक्षक के पास 26 छात्र थे, जो घटकर 17 रह गए हैं। सेकेंडरी लेवल पर यह 31 से घटकर 21 रह गया है। हालांकि शिक्षकों के पास जितने कम छात्र होंगे, वे उन्हें ज्यादा समय दे पाएंगे। स्टूडेंट्स का ड्रॉपआउट रेट घटा सेकेंडरी लेवल पर 2023-24 में ड्रॉप आउट रेट 10.9% था, जो 2024-25 में 8.2% हो गया है। मिडिल लेवल पर यह 5.2% की तुलना में 3.5% और प्राइमरी पर 3.7% से घटकर 2.3% रहा। प्राइमरी लेवल पर रिटेंशन रेट 2023-24 में 85.4% से बढ़कर अब 92.4 % हो गया है। मिडिल लेवल पर 78% से बढ़कर 82.8% तो सेकेंडरी लेवल पर ये 45.6% से बढ़कर 47.2% हो गया है। वहीं सेकेंडरी लेवल पर एनरोलमेंट लेवल बढ़कर 68.5% हो गया है। झारखंड में 1 टीचर के पास औसत 47 बच्चे सबसे ज्यादा प्राइमरी स्कूल बंगाल में यानी कुल स्कूल का 80% और सबसे कम चंडीगढ़ में 3% हैं। चंडीगढ़ में प्रति स्कूल 1222 छात्र हैं। लद्दाख में यह 59 हैं। हायर सेकेंडरी लेवल पर झारखंड के स्कूलों में एक शिक्षक को औसतन 47 बच्चों को पढ़ाना होता है। सिक्किम में यह आंकड़ा औसतन 7 ही है। ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो (GER) में बिहार नीचे बिहार में प्राइमरी का रेश्यो 69%, सेकेंडरी का 51% व हायर सेकेंडरी का 38% है। यह सभी लेवल पर सबसे नीचे है। यह रेश्यो बताता है कि वहां किसी स्तर पर उसके योग्य उम्र वाले कितने बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं। चंडीगढ़ में यह रेश्यो सबसे ज्यादा है जहां अपर प्राइमरी का जीईआर 120%, मिडिल का 110% और हायर सेकेंडरी का 107% है। ये खबर पढ़ें.... राजस्‍थान SI भर्ती 2021 पेपर लीक के चलते रद्द:क्‍वालिफाइड कैंडिडेट्स का अब क्‍या होगा? ओवरएज कैंडिडेट्स को क्‍या राहत मिलेगी 28 अगस्त को राजस्थान हाईकोर्ट ने 2021 SI भर्ती को रद्द कर दिया है। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने माना कि भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, जिसमें RPSC के 5 सदस्‍य भी शामिल थे। बता दें कि 2021 में हुई भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत के साथ राज्‍य में लंबे समय से विरोध हो रहे थे। पूरी खबर पढ़ें....

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