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₹3000 से ज्यादा के UPI ट्रांजेक्शन पर लग सकता है चार्ज, सरकार कर रही विचार...

 नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट की रीढ़ बन चुके यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को लेकर सरकार बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। अभी तक UPI पर कोई MDR (Merchant Discount Rate) शुल्क नहीं लगता था, लेकिन बड़े ट्रांजेक्शन पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव अब गंभीरता से विचाराधीन है।

क्या है MDR पॉलिसी?
MDR (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) वह शुल्क होता है जो पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (जैसे बैंक, ऐप कंपनियां) व्यापारियों से वसूलते हैं, जब कोई ग्राहक उनसे डिजिटल माध्यम से पेमेंट करता है। फिलहाल UPI पर जीरो MDR पॉलिसी लागू है, यानी UPI पेमेंट पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगता।

बड़े ट्रांजेक्शन पर आ सकता है शुल्क
सूत्रों के अनुसार, ₹3000 से अधिक के ट्रांजेक्शन पर MDR लागू करने पर विचार हो रहा है। हालांकि आम उपयोगकर्ताओं के लिए फिलहाल राहत की बात ये है कि छोटे ट्रांजेक्शन पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा।

PMO में हुई बैठक, जल्द आ सकता है फैसला
हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में आर्थिक मामलों और वित्तीय सेवा विभाग के अधिकारियों के साथ UPI के भविष्य और वित्तीय संतुलन को लेकर अहम बैठक हुई। चर्चा का केंद्र यह था कि तेजी से बढ़ रहे ट्रांजेक्शन वॉल्यूम को बनाए रखने के लिए पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को टिकाऊ कैसे बनाया जाए।

मई में ₹18.68 अरब का रिकॉर्ड लेनदेन
UPI ट्रांजेक्शन के आंकड़े भी सरकार की चिंता का कारण हैं। मई 2025 में ₹18.68 अरब का ट्रांजेक्शन हुआ, जो पिछले साल मई की तुलना में 33% अधिक है। इनमें बड़े ट्रांजेक्शन की हिस्सेदारी बढ़ रही है।

पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया का सुझाव
पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया ने प्रस्ताव दिया है कि जिन व्यापारियों का टर्नओवर अधिक है, उनसे 0.3% MDR शुल्क वसूला जाए। यह दर क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर लगने वाले 0.9% से 2% शुल्क से काफी कम है।

सरकार दो महीनों के भीतर अंतिम फैसला ले सकती है। इसके लिए बैंकों, पेमेंट ऐप कंपनियों, NPCI और अन्य पक्षों से विचार-विमर्श जारी है।

क्या 3000 रुपए से ज्यादा पर चार्ज लगेगा?
सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन अफवाहों के अनुसार ₹3000 से ज्यादा के लेनदेन पर मर्चेंट लेवल पर शुल्क लग सकता है, न कि आम उपयोगकर्ता पर। यानी ग्राहक के लिए पेमेंट करना मुफ्त ही रह सकता है, लेकिन व्यापारी को MDR देना पड़ सकता है।

छोटे ट्रांजेक्शन करने वालों के लिए UPI आगे भी मुफ्त रहेगा, लेकिन बड़े व्यापारिक लेनदेन करने वालों पर MDR शुल्क लगने की संभावना है। इससे डिजिटल भुगतान व्यवस्था को वित्तीय रूप से टिकाऊ बनाने में मदद मिल सकती है।

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