छत्तीसगढ़ /

फागुन मेला: लम्हा मार में जुटे ग्रामीण

छत्तीसगढ़ संवाददाता दंतेवाड़ा, 8 मार्च। फागुन मेला के पांचवे दिवस में लम्हा मार रस्म का संपादन किया गया। जिसमें खरगोश के शिकार का प्रदर्शन किया जाता है। इसमें डोली वापसी के बाद साड़ी से ढंकी हुई चावल एवं चंदन की लकड़ी को दो टोकरी में भण्डारी एवं तुड़पा (सेवादार) लेकर रात्रि 11 बजे मोहरी बाजा की थाप पर बारह लंकवार, पडि़हार, मांझी-चालकी एवं सेवादार मेंढक़ा डोबरा मैदान के देव विश्राम मंदिर में जाते हैं। इसके बाद बारह लंकवार में से ग्राम डेगलरास के गायता परिवार द्वारा पाण्डव मंदिर में रात्रि के 1 बजे लम्हामार रस्म हेतु गायता परिवार के सदस्य को लम्हा (खरगोश) के रूप में तैयार किया जाता है। जिसे लेकर मेंढका डोबरा मैदान के देव विश्राम मंदिर में पहुंचते हंै। जहाँ ग्राम नेटापुर का राजबड्डे एवं ग्राम कतियाररास का हेमला बड्डे द्वारा शिकार प्रदर्शन किया जाता है और लम्हा का शिकार किया जाता है। जिसके बाद सभी सदस्य माई जी मंदिर आते हैं। पुन: लम्हामार आखेट रस्म का प्रदर्शन किया जाता है। जिसके बाद आज का कार्यक्रम समापन किया जाता है। इसके साथ ही कल कोडरीमार रस्म होगी।

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