क्या आपके घर का दरवाजा भी दक्षिण दिशा में खुलता है? तो जान लें क्या कहता है वास्तु शास्त्र….
10-Sep-2024
हर कोई चाहता है कि उसका अपना एक घर हो और उस घर में प्रवेश करते ही तनाव और चिंता गायब हो जाती है. यही सोचकर हर कोई बड़े उत्साह से घर बनाता है और उस घर में हर सुख सुविधा का ख्याल रखता है. कई बार लोग घर के वास्तु का ध्यान नहीं रखते. ऐसे में नए घर में प्रवेश करते ही जीवन में कई परेशानियां आने लगती हैं.
घर बनाने में दरवाजे बहुत अहम भूमिका निभाते हैं. घर बनवाते समय दरवाजे की दिशा सही रखना बहुत जरूरी है.
पूर्व दिशा (Vastu Tips For Home Door)
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के दरवाजे की दिशा घर में शुभ और अशुभ प्रभाव डालती है. अगर घर के मुख्य द्वार की दिशा पूर्व रखी जाए तो यह बहुत शुभ माना जाता है. हालाँकि, यदि आपकी कुंडली में गड़बड़ है, तो इस दिशा में दरवाजा होने से कर्ज बढ़ना शुरू हो जाता है.
उत्तर-पश्चिम
घर का मुख्य दरवाजा वायव दिशा में रखने से काफी शुभ प्रभाव मिलता है लेकिन अगर कुंडली में शनि की खराबी है तो इस दिशा में दरवाजा होने से दोस्त भी दुश्मन बन जाते हैं और पड़ोसियों से विवाद भी शुरू हो जाता है.
पश्चिम दिशा
यदि घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में हो तो घर से आर्थिक तंगी दूर हो जाती है. आय के नये स्रोत खुलते हैं. हालाँकि, यदि कुंडली में बुध की चाल ठीक नहीं है, तो इसके कारण घर से पैसा बाहर जाता रहता है.
पूर्वोत्तर दिशा
घर का मुख्य दरवाजा उत्तर दिशा में रखने से काफी शुभ प्रभाव मिलता है, लेकिन अगर कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी न हो तो घर में गंभीर बीमारी का प्रवेश हो जाता है.
दक्षिण दिशा
यदि घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में हो तो व्यक्ति को जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन यदि कुंडली में शनि-मंगल की स्थिति अच्छी हो तो द्वार के कारण व्यक्ति जीवन में बहुत प्रगति करता है.