चुगली से बिगड़ते हैं ये ग्रह, मनुस्मृति और चाणक्य नीति जैसे ग्रंथों में लिखी है यह बात…
03-May-2025
सनातन धर्म में वाणी को विशेष महत्व दिया गया है. मनुष्य जो कुछ बोलता है, वह केवल शब्द नहीं होते, बल्कि उसकी ऊर्जा और कर्मों का हिस्सा बन जाते हैं.
चुगली, यानी किसी की पीठ पीछे उसकी बुराई करना या झूठी बातें फैलाना — अत्यंत निंदनीय कर्म माना गया है. मनुस्मृति और चाणक्य नीति जैसे ग्रंथों में चुगली करने वाले को समाज के लिए विष के समान बताया गया है. यह प्रवृत्ति न केवल दूसरों को नुकसान पहुँचाती है, बल्कि स्वयं के जीवन में भी अनेक बाधाएं उत्पन्न करती है.
धर्मशास्त्रों के अनुसार, चुगली करने से व्यक्ति का मानसिक और आध्यात्मिक पतन तो होता ही है, साथ ही यह कुछ विशेष ग्रहों को भी कुपित कर देता है.
बुध ग्रह (Backbiting)
यह वाणी, बुद्धि और संवाद का कारक है. चुगली करने से बुध अशुभ हो जाता है, जिससे मानसिक अशांति, निर्णयों में भ्रम और रिश्तों में कड़वाहट आती है.
शुक्र ग्रह (Backbiting)
यह सुख-संपत्ति और रिश्तों से जुड़ा हुआ ग्रह है. पीठ पीछे नकारात्मक बातें करने से शुक्र दुर्बल हो जाता है, जिससे वैवाहिक जीवन में असंतोष और भोग-विलास में गिरावट आती है.
राहु (Backbiting)
यह भ्रम और छल का प्रतिनिधि ग्रह है. लगातार चुगली करने वाला व्यक्ति राहु की पकड़ में आ जाता है, जिससे उसे झूठ, धोखा और सामाजिक अपमान का सामना करना पड़ सकता है.