संस्कृति
शिव चालीसा पाठ करते समय इन आम गलतियों से बचें, वरना नहीं मिलेगा पूरा फल…
शिव चालीसा का पाठ भगवान शिव की कृपा पाने का एक सशक्त माध्यम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार हम अनजाने में ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं, जिनके कारण इसका पूर्ण फल नहीं मिल पाता? आइए जानते हैं ऐसी ही एक आम गलती के बारे में.
नीलम रत्न पहनने वालों को मिलता है शनि देव का आशीर्वाद, बदल सकता है आपकी किस्मत का रुख
ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का विशेष महत्व है, और इनमें नीलम रत्न को सबसे प्रभावशाली और रहस्यमयी माना गया है. यह रत्न शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे कर्म और न्याय का देवता कहा गया है. नीलम रत्न केवल एक आभूषण नहीं, बल्कि शनि देव का आशीर्वाद भी है. अगर इसे सही समय पर, सही तरीके से अपनाया जाए, तो यह आपके भाग्य की दिशा मोड़ सकता है. माना जाता है कि नीलम रत्न यदि सही व्यक्ति द्वारा सही समय पर पहना जाए, तो वह जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकता है.
क्यों पहनना चाहिए चांदी का छल्ला? किन राशियों के लिए और किस उंगली में पहनना होता है शुभ?
क्या आप मानसिक तनाव, आर्थिक अस्थिरता या नकारात्मक ऊर्जा से परेशान हैं? तो चांदी का छल्ला आपकी किस्मत बदल सकता है! वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार, चांदी चंद्रमा और शुक्र ग्रह से जुड़ी होती है, जो मन की शांति, सौंदर्य, प्रेम और समृद्धि के कारक माने जाते हैं.
इसके बीज को धारण करने से कमजोर ग्रहों हो जाते है मजबूत…
रुद्राक्ष एक विशेष प्रकार का बीज है जो एक खास वृक्ष से प्राप्त होता है. यह वृक्ष आमतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों, खासकर हिमालय में, ऊंचे इलाकों में पाया जाता है. रुद्राक्ष को पहनने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है. इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और यह ग्रह दोषों को दूर करने में भी सहायक है.
बार-बार हो रही है ये तकलीफ? हो सकता है ग्रह दोष, जानिए ज्योतिष उपाय से कैसे पाएं राहत…
ग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ता है और यही कारण है कि हमारी सेहत, दुख और परेशानियां भी ग्रहों के प्रभाव से जुड़ी होती हैं. अगर आपकी तबियत बार-बार खराब हो रही है या कोई बीमारी बार-बार आपको घेर रही है, तो यह हो सकता है कि आपके जीवन में ग्रहों का असंतुलन हो. जैसे, टाइफाइड बीमारी, जो वैज्ञानिक दृष्टि से साल्मोनेला बैक्टीरिया के कारण होती है, कुछ विशेष ग्रहों के प्रभाव से भी हो सकती है.
अगर आप नहीं कर पा रहे है पशुपतिनाथ व्रत, तो यह एक दिवसीय उपाय से मिलेगी भगवन शिव की कृपा…
अगर आप किसी कारणवश 5 पशुपतिनाथ व्रत नहीं कर पा रहे हैं, तो सोमवार के दिन निम्न सरल उपाय करके भी भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं. यह उपाय पशुपतिनाथ व्रत जैसा प्रभावी है, लेकिन यह एक ही दिन में पूरा होने वाला है. इसका प्रभाव बहुत शुभ होता है.
ये हैं मां लक्ष्मी की कृपा पाने का चमत्कारी मार्ग
महालक्ष्मी स्तोत्र धन, वैभव और सुख-समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है. इसकी रचना स्वयं देवराज इंद्र ने की थी जब वे असुरों द्वारा पराजित होकर अत्यंत कष्ट में थे. इस स्तोत्र के नियमित पाठ से ना केवल धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन के समस्त कष्ट, बाधाएं और दरिद्रता भी समाप्त हो जाती हैं. जो भी व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास से इसका पाठ करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती. यह स्तोत्र मां लक्ष्मी की कृपा पाने का सरल, चमत्कारी और सिद्ध साधन है.
सुबह उठकर करें इन मंत्रों का जाप, नहीं करना पड़ेगा चुनौतियों का सामना…
प्रातःकाल का समय ऊर्जा, शुद्धता और नवीनता का प्रतीक होता है. जैसे ही हमारी आँखें खुलती हैं, हमारे मन और वातावरण में एक विशेष प्रकार की सकारात्मकता फैलती है. इस समय यदि हम दिव्य शक्तियों और अपने शुभचिंतकों का स्मरण करते हैं, तो दिनभर के लिए आंतरिक बल, मानसिक शांति और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसलिए आज हम कुछ ऐसे शक्तिशाली और सरल मंत्र बता रहे हैं, जिन्हें सुबह उठकर पढ़ना अत्यंत शुभ होता है.
Sutwai Amavasya 2025: सुतवाई अमावस्या, इस दिन सत्तू का दान करने से मिलती है पितृ दोष से मुक्ति…
Sutwai Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या को “सुतवाई अमावस्या” और “दर्श अमावस्या” के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन पितृ तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध और दान-पुण्य के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन सत्तू का दान और सेवन विशेष महत्व रखता है. सुतवाई अमावस्या पर सत्तू का दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. यह दान पितरों को प्रसन्न करता है और उनकी शांति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. साथ ही, इस दिन सत्तू का दान करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और स्वास्थ्य लाभ भी होता है. इसलिए सुतवाई अमावस्या पर सत्तू दान की परंपरा धार्मिक, ज्योतिषीय और स्वास्थ्य संबंधी दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है.
Vastu Shastra: भोजन के बाद की ये आदतें बन सकती हैं दरिद्रता का कारण, जानें क्या न करें…
भारतीय संस्कृति में भोजन को केवल शरीर की भूख मिटाने का माध्यम नहीं, बल्कि एक पवित्र क्रिया माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि भोजन के बाद कुछ विशेष सावधानियाँ न बरतने पर घर में दरिद्रता, क्लेश और नकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है.
Budh Gochar 2025: जून में दो बार राशि बदलेंगे ग्रहों के राजकुमार, चार राशियों के लिए रहेगा सबसे बेहतरीन समय…
जून 2025 में ग्रहों की चाल में विशेष परिवर्तन देखने को मिलेगा, जब बुध ग्रह दो बार राशि परिवर्तन करेगा. बुध को वैदिक ज्योतिष में वाणी, बुद्धि, तर्कशक्ति, व्यापार और गणित का कारक माना जाता है. इसकी गति और गोचर का प्रभाव विशेष रूप से विद्यार्थियों, व्यापारियों और लेखन या संवाद क्षेत्र से जुड़े लोगों पर पड़ता है.
Masik Shivratri April 2025: करियर में तरक्की और पारिवारिक सुख के लिए करें ये आसान उपाय…
मासिक शिवरात्रि का पर्व इस बार 25 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा. इस दिन त्रयोदशी तिथि में आने वाला प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है, जो शिव भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, द्वादशी तिथि 25 अप्रैल को दोपहर 11:45 बजे तक रहेगी, जिसके बाद त्रयोदशी तिथि आरंभ होगी और यह 26 अप्रैल की सुबह 8:28 बजे तक प्रभावी रहेगी. इसलिए प्रदोष व्रत 25 अप्रैल को ही मनाया जाएगा.
गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को घुमाने ले जाए ये 3 मंदिर, परंपराओं, इतिहास और संस्कृति से जोड़े…
गर्मियों की छुट्टियां बच्चों के साथ समय बिताने और उन्हें नई चीजें सिखाने का बेहतरीन अवसर होती हैं. ऐसे में धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों की यात्रा न केवल एक आध्यात्मिक अनुभव देती है, बल्कि बच्चों को हमारी समृद्ध परंपराओं, इतिहास और संस्कृति से भी जोड़ती है.
Pradosh Vrat 2025: इस तारीख को रखा जाएगा अप्रैल माह का दूसरा प्रदोष व्रत, जानें पूजा का समय और धार्मिक महत्व…
अप्रैल माह का दूसरा प्रदोष व्रत 25 अप्रैल 2025 को रखा जाएगा. यह व्रत वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पड़ता है, जो 25 अप्रैल को सुबह 11:44 बजे से शुरू होकर 26 अप्रैल को सुबह 8:27 बजे तक रहेगी. यह शुक्रवार को पड़ने के कारण शुक्र प्रदोष व्रत कहलाता है और संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है.
राहु-केतु सहित छह ग्रह करेंगे राशि परिवर्तन, तीन राशियों के लिए आएगा शुभ अवसर…
मई का महीना ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस माह में छह प्रमुख ग्रह अपनी राशियाँ बदलेंगे. इनमें बृहस्पति (गुरु), राहु-केतु, सूर्य, बुध और शुक्र शामिल हैं. विशेष रूप से 18 मई को राहु-केतु का राशि परिवर्तन होगा, जब राहु मीन राशि से कुंभ राशि में और केतु कन्या राशि से सिंह राशि में प्रवेश करेगा.
मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले बच्चों के लिए मूल शांति जरूरी, मई 2025 में तीन बार पड़ेगा मूल नक्षत्र…
मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले बच्चों की मूल शांति कराना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अत्यंत आवश्यक माना जाता है, क्योंकि ये बच्चे गंडमूल नक्षत्रों में जन्म लेते हैं. गंडमूल नक्षत्रों में मूल, अश्विनी, आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और रेवती शामिल हैं.
वरुथिनी एकादशी: इस दिन चावल न खाने का कारण धार्मिक, पौराणिक और आयुर्वेदिक दृष्टिकोणों से है जुड़ा…
24 अप्रैल को वरुथिनी एकादशी मनाई जा रही है, जो भगवान विष्णु की आराधना का पावन अवसर है. इस दिन व्रत और उपवास का विशेष महत्व होता है. परंपरा के अनुसार, इस दिन चावल नहीं खाए जाते, क्योंकि माना जाता है कि एकादशी पर चावल खाने से व्रत का पुण्य घटता है और पाप बढ़ता है. चावल न खाने का कारण धार्मिक, पौराणिक और आयुर्वेदिक — तीनों ही दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है. आइए इसे विस्तार से समझते हैं: