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900 घंटे रिसर्च, 9 बार स्पेसवॉक, 150 एक्सपेरिमेंट… सुनीता विलियम्स ने 9 महीने स्पेस में क्या किया? बना डाले कई रिकॉर्ड, जिसे तोड़ना नामुमकिन?

 Sunita Williams: 9 महीने तक अंतरिक्ष में फंसे रहने के बाद भारतीय मूल की अमेरिकी और नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर आखिरकार धरती पर लौट आए हैं। ड्रैगन कैप्सूल के जरिए फ्लोरिडा के तट पर आज (19 मार्च) तड़के सुबह 3 बजकर 27 मिनट में उनकी सफल लैंडिंग हुई। 9 महीने बाद धरती पर वापसी के बाद सुनिता काफी खुश दिखीं। उनके चेहरे पर मंद-मंद मुस्कान ये बता रहीं थी कि इंसान को सुकून अपने घर में ही मिलता है। अब लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि अंतरिक्ष में रहते हुए सुनीता विलियम्स ने आखिरकार 9 महीने में क्या-क्या होगा? तो हम आपको सुनीता विलियम्स ने 9 महीने स्पेस में क्या-क्या किया इसकी पूरी जानकारी यहां बता रहे हैं।




सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 5 जून, 2024 को आईएसएस पर पहुंचे। उनकी यात्रा केवल 8 दिनों की थी, लेकिन टेक्निकल समस्याओं की वजह से उन्हें नौ महीने तक वहां रहना पड़ा।



नासा ने बताया कि 286 दिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रहते हुए सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने 900 घंटे की रिसर्च पूरी की। उन्होंने इस दौरान करीब 150 एक्सपेरिमेंट्स किए। सुनीता विलियम्स दुनिया की पहली महिला बन गई हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में इतना समय बिताया। नासा ने ये भी बताया कि सुनीता ने स्पेस स्टेशन के बाहर भी 62 घंटे, 9 मिनट बिताए यानी 9 बार स्पेसवॉक किया।



सुनीता विलियम्स ने आईएसएस पर कई इंपोर्टेंट रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम किया। इन रिसर्च में ग्रैविटी, फ्यूल सेल्स, रिएक्टर्स, योन्यूट्रिएंट्स प्रोजेक्ट, बैक्टीरिया का साइंटिफिक इस्तेमाल शामिल हैं।


सुनीता विलियम्स ने बायोन्यूट्रिएंट्स परियोजना में भाग लिया, जिसमें वैज्ञानिक जीवाणुओं का उपयोग करके पोषक तत्वों का उत्पादन करने के तरीकों का अध्ययन करते हैं। यह परियोजना अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ताज़ा पोषक तत्व प्रदान करने में मदद कर सकती है।


5 जून को स्पेस में गई थीं सुनीता विलियम्स

सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर बीते साल 5 जून, 2024 को बोइंग स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल में सवार होकर अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे। वैसे तो उनका मिशन केवल एक सप्ताह का ही था, लेकिन स्पेस स्टेशन में तकनीकी खराबी आने के कारण नासा को स्टारलाइनर को खाली करके अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में शिफ्ट कराना पड़ा था। तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी इस साल फरवरी तक के लिए टाल दी गई थी।
 

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