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जल संरक्षण की ओर बड़ा कदम: 16 अरब लीटर पानी रिसाइकल कर जल सुरक्षा को मजबूत किया

 पानी जीवन का आधार है, लेकिन बढ़ती माँग और जलवायु परिवर्तन के कारण जल संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में जल संरक्षण जरूरी हो गया है। इसी दिशा में वेदांता एल्युमीनियम ने वित्त वर्ष 2025 में 16 अरब लीटर पानी रिसाइकल कर जल सुरक्षा को मजबूत किया है। यह मात्रा करीब 6,400 ओलंपिक स्विमिंग पूल के बराबर है।

 

15% जल पुनर्चक्रण दर के साथ कंपनी वर्ष 2030 तक नेट वॉटर पॉजिटिव बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जल संरक्षण के लिए वेदांता ने 81 सामुदायिक तालाबों का पुनरोद्धार किया। लांजीगढ़ स्थित एल्युमिना रिफाइनरी के वॉटरशेड प्रोजेक्ट ने 2 लाख क्यूबिक मीटर पानी रिचार्ज कर 500 से अधिक किसानों को लाभान्वित किया है। झारसुगुड़ा में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का अपग्रेडेशन किया गया, जिससे 240 किलोलीटर पानी रोजाना पुनः इस्तेमाल हो रहा है।

वेदांता एल्युमीनियम के मुख्य प्रचालन अधिकारी, सुनील गुप्ता ने कहा, "हम पानी को अमूल्य संसाधन मानते हैं। आधुनिक तकनीकों, जल प्रबंधन पद्धतियों और सामुदायिक पहलों के जरिए 2030 तक नेट वॉटर पॉजिटिव बनने की प्रतिबद्धता दोहराते हैं। हमारा लक्ष्य जल संरक्षण के साथ समुदायों और पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाना है।"

इस वर्ष की थीम 'ग्लेशियर संरक्षण' है, जिसके तहत वेदांता जल संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध है। लांजीगढ़ में वॉटरशेड प्रोजेक्ट से 170 एकड़ भूमि सिंचित हुई और 500 किसान लाभान्वित हुए। झारसुगुडा व बाल्को में जल पुनर्चक्रण बढ़ाया गया। नाबार्ड संग साझेदारी से 12 खेत पोखर बने। वर्षा जल संचयन व जल पुनः उपयोग की पहल जारी है।

 
 
 

जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए वेदांता पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध लेखन और वेबिनार जैसे कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है। कंपनी का यह प्रयास जल संसाधनों के सतत उपयोग और संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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