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क्रिकेट से लेकर सिंगिंग तक, दिलचस्प रहा पंजाबी सिंगर हार्डी संधू का सफर

नई दिल्ली,6 सितंबर। बचपन से ही क्रिकेटर बनने का सपना देखने वाला एक नौजवान कब सिंगिंग तक पहुंच गया शायद उसे भी यह अंदाजा नहीं था। 6 सितंबर 1986 को पंजाब के पटियाला में जन्मे एक बच्चे ने अपने जीवन में बहुत उतार चढ़ाव देखे। आज उसी संघर्ष ने उसे एक खास मुकाम तक पहुंचा दिया है। बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि इस सिंगर के जीवन में एक समय ऐसा भी आया था कि इसे टैक्सी तक चलानी पड़ी । मगर आज यही सिंगर लाखों दिलों की धड़कन है। हार्डी संधू ने क्रिकेट से लेकर एक सिंगर बनने तक का सफर बहुत मुसीबत झेल कर तय किया। हार्डी संधू का असली नाम हरविंदर संधू है । एक सामान्य से परिवार में जन्मे इस सिंगर के पिता का नाम जसप्रीत सिंह संधू है। हार्डी संधू को बचपन से ही गाने गुनगुनाने का बहुत शौक था। मगर गाने से भी ज्यादा उन्हें किसी चीज का शौक था तो वह था क्रिकेट। स्कूल के समय में सिंगर ने कभी भी किसी सिंगिंग कंपटीशन में हिस्सा नहीं लिया, वह हमेशा स्कूल में क्रिकेट खेला करते थे। उनका हमेशा से ही सपना था कि आगे चलकर एक बड़े क्रिकेटर बने और अपने देश का नाम रोशन करें। मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था । एक क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करने के बाद वह एक ऑलराउंडर के तौर पर पंजाब टीम के लिए काफी बार खेले और जब भारत की अंडर-19 टीम चुनी गई तो उसमें संधू को शामिल किया गया। सिंगर ने पंजाब की टीम के लिए कई मैच खेले और अपना बेहतर प्रदर्शन दिया। हार्डी ने शिखर धवन, रोहित शर्मा, इशांत शर्मा के साथ कई मैच खेले हैं। क्रिकेट में काफी कुछ अच्छा चल रहा था मगर आपकी किस्मत में जो होता है वह सही मायने में आपको मिल ही जाता है। साल 2007 में उन्हें हाथ में चोट लगी जिसके बाद उनकी क्रिकेट यात्रा पर विराम लग गया। फिर भी इस नौजवान ने हार नहीं मानी। हाथ का इलाज कराने ऑस्ट्रेलिया निकल पड़ा। खर्च इतना हुआ कि आर्थिक तंगी से जूझने लगे। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में ही संधू ने फैसला किया कि वह टैक्सी चलाकर पैसे कमाएंगे। अब तक वह समझ चुके थे कि उनका क्रिकेट का सफर आगे नहीं चल पाएगा । साल 2010 के बाद उन्होंने सोचा कि वह अब सिंगिंग में अपना हाथ आजमाएंगे। उन्होंने उसके लिए संगीत भी सीखा। साल 2012 में टकीला शॉट गाने से शुरुआत की, गाने को पसंद भी किया गया। लेकिन संधू इतने से कहां मानने वाले थे। उन्होंने कोशिश जारी रखी और कई गाने गए मगर सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद उन्होंने जानी और बी प्रैंक के साथ ,सच , गाना बनाया। इसके बाद उन्हें थोड़ी बहुत सफलता हाथ लगी। इसके बाद सिंगर ने सुपरहिट गानों की झड़ी लगा दी। 2014 में जोकर, 2015 में ना जीना, 2016 में हॉर्न ब्लो और 2017 में यार ना मिलाया जैसे सॉन्ग गए। 2018 में उनका गाना क्या बात है सुपरहिट साबित हुआ। हार्डी अपने गानों में हमेशा अपना चेहरा ही इस्तेमाल करते हैं जिससे उनकी फेस वैल्यू भी बढ़ गई है। 2020 में वह तितलियां गाने में बतौर एक्टर शामिल हुए। सिंगर ने बॉलीवुड में भी कई गानों को अपनी आवाज दी है। --(आईएएनएस)

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