Lata Mangeshkar Birth Anniversary: इंदौर शहर के दिल में आज भी बसी हैं लता मंगेशकर की यादें
28-Sep-2024
लता मंगेशकर बेशक इस शहर में कम रहीं पर इस शहर से उनका जुड़ाव कितना था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे यहां के खानपान,
स्थान और लोगों को भूलती नहीं थीं। उनकी एक खास बात यह भी थी कि वे बढ़ती उम्र के साथ अपने बचपन को भी साथ लेकर बढ़ रही थीं। उन्होंने कभी भी किसी
व्यक्ति को बाहरी महसूस नहीं होने दिया। उनसे मिलकर हर किसी को यही लगा कि वह उनके परिवार का एक हिस्सा है। गणेश पूजन का समय उनके मिलने वालों
के लिए किसी उपहार से कम नहीं होता था।यह शब्द नहीं बल्कि अनुभव है उन लोगों के जो कभी न कभी किसी न किसी कारण से लता मंगेशकर से मिले। किसी ने
मुंबई में लता से मुलाकात की तो किसी की चर्चा का साक्षी यह शहर ही रहा। शहर के दिल में आज भी लता से जुड़ी कई यादें बसी हुई हैं।
जिस घर में लता का जन्म हुआ था वहां बेशक अब व्यापार-व्यवसाय की चर्चा होती है पर मौन दीवार आज भी कलाकृति के जरिए लता के होने का अहसास कराती हैं। लता मंगेशकर से जुड़ी कुछ ऐसी ही यादें उन्हीं के मुरीदों की जुबानी आप तक पहुंचा रहे हैं।
हमेशा किया बेटी की तरह व्यवहार
गायिका वर्षा झालानी शहर के उन खास लोगों में से हैं जिनकी लता से कई बार मुलाकात हुई। वे बताती हैं कि घर में शुरू से ही संगीत का माहौल था। सभी लता के गाने सुनते रहते थे। हम बचपन से ही उनका जन्मदिन मनाते आ रहे हैं। साल 2005 में 'तुमको हमारी उमर लग जाए' गानों की शृंखला शुरू की। 2012-13 में मुंबई में आयोजित इसी आयोजन के तहत जाना हुआ। मैं कई भाषा में उनके गीत गाती थी, यह उन्हें अच्छा लगा और लता मंगेशकर ने मुझे मिलने बुलाया।
इसके बाद से मिलने का सिलसिला कभी खत्म नहीं हुआ। मंगेशकर परिवार ने मेरे साथ घर की छोटी बेटी जैसा ही व्यवहार किया। लता और मैंने ‘तू चंदा मैं चांदनी' और 'बेताब दिल की तमन्ना यही है' गाने साथ में गुनगुनाए। वसंत पंचमी पर उन्होंने मुझे देवी सरस्वती की मूर्ति दी। कोरोना के दौरान भी हमारी बात होती रहती थी। उन्होंने मुझे सुना और सिखाया भी है।
शाल ओढ़ाई और अस्पताल में कराया भर्ती
पिगडंबर स्थित लता दीनानाथ ग्रामोफोन रिकॉर्ड संग्रहालय के संस्थापक सुमन चौरसिया लता मंगेशकर से जुड़े अनुभव साझा करते हुए बताते हैं कि एक बार लता मंगेशकर ने मुझे पुणे बुलाया। मैं अपने मित्र के साथ पुणे जा रहा था लेकिन रास्ते में मुझे बुखार आ गया।