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सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले भारत के पैरा कमांडो बनाम अमेरिकी सेना के ग्रीन बेरेट्स, किसमें कितना है दम, अमेरिका में दिखा रहे ताकत

 वॉशिंगटन: पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (POK) में सर्जिकल स्ट्राइक करके अपना लोहा मनवाने वाले भारतीय सेना के पैरा कमांडो इस समय अमेरिका में हैं। भारतीय पैरा कमांडो अमेरिका में अपनी ही तरह के एलीट अमेरिकी फोर्स ग्रीन बेरेट्स के साथ यु्द्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। ग्रीन बेरेट्स फोर्स अमेरिका के हमले के बाद अफगानिस्तान में तैनात होने वाले पहले अमेरिकी सैनिक थे। दोनों देशों की स्पेशल फोर्स 'थंडरबोल्ड अटैक' या 'वज्र प्रहार' के नाम से वार्षिक युद्धाभ्यास का हिस्सा है। इसमें भारत के 45 कमांडो हिस्सा ले रहे हैं। आइए दोनों एलीट फोर्स के बारे में जानते हैं।


भारत की पैराशूट रेजिमेंट
भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट में 14 बटालियन हैं। इसमें 9 स्पेशल फोर्स (एसएफ) और 5 पैरा एयरबोर्न यूनिट हैं। हर स्पेशल फोर्स की खास भूमिका होती है और उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों में काम करने के लिए अनूठा प्रशिक्षण दिया जाता है। भारतीय पैराशूट रेजिमेंट के लिए अलग से भर्ती नहीं की जाती है। इन्हें भारतीय सेना की रैंकों से ही चुना जाता है और कड़ी ट्रेनिंग के जरिए इन्हें तपाया जाता है।

देश के बाहर पूरे किए मिशन
पैराशूट रेजिमेंट ने 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में ऑपरेशन को अंजाम दिया। 1987 में यह यूनिट भारतीय शांति सेना के हिस्से के रूप में श्रीलंका में तैनात रही। इन स्पेशल कमांडों ने मालदीव के प्रधानमंत्री को तख्तापलट से बचाने के लिए 1988 में ऑपरेशन कैक्टस को भी अंजाम दिया।

पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक
इस यूनिट में साल 2016 में सबसे साहसिक मिशन को अंजाम दिया, जिसकी दुनिया भर में चर्चा होती है। उरी में सेना के कैंप पर बड़े आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 19 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसका बदला पैराशूट रेजिमेंट की यूनिट ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करके दिया था। स्पेशल फोर्स के 25 कमांडो नियंत्रण रेखा पार करके पीओके में प्रवेश किया और आतंकियों के लॉन्च पैड नष्ट कर दिए। 
 

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