सामान्य ज्ञान

आज राहु-केतु का राशि परिवर्तन:सितंबर 202 तक राहु रहेगा कुंभ में और केतु रहेगा सिंह में, वृषभ और कर्क राशि के लोगों रहें सतर्क

आज रविवार, 18 मई को ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि राहु और केतु अपना राशि परिवर्तन कर रहे हैं। ये दोनों ग्रह छाया ग्रह होते हैं और हमेशा वक्री गति (पीछे की ओर चलने वाले) में रहते हैं। आज से राहु कुंभ राशि में और केतु सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। यह स्थिति आगामी 5 सितंबर 2026 तक बनी रहेगी। इसके बाद राहु मकर में और केतु कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, यह राशि परिवर्तन सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालेगा। आइए जानते हैं किस राशि पर कैसा असर होगा और इन ग्रहों के दोष कम करने के लिए कौन-कौन से शुभ काम कर सकते हैं... अब राहु एकादश और केतु पंचम भाव में रहेगा। सामान्य रूप से यह स्थिति बड़ी समस्याएं नहीं लाएगी, लेकिन वाहन चलाते समय सतर्क रहें। राहु विवादों में विजय दिला सकता है, वहीं केतु की वजह से धन लाभ के योग बनेंगे। राहु दशम और केतु चतुर्थ भाव में रहेगा। इस दौरान निर्माण कार्य में खर्च बढ़ सकता है और अनचाहे कार्यों में उलझे रहेंगे। बिजली से जुड़े उपकरणों से सावधान रहें। व्यापार में धोखे और संबंधों में तनाव की आशंका है। राहु नवम और केतु तृतीय भाव में रहेगा। निराशा दूर होगी और पुराने रिश्तेदारों से मिलना संभव होगा। विदेश में रहने वालों को लाभ मिलेगा। आय बढ़ेगी, ऋण से मुक्ति के रास्ते दिखेंगे और संपत्ति से लाभ के योग हैं। राहु अष्टम और केतु द्वितीय भाव में होने से मानसिक तनाव बना रह सकता है। कार्य समय पर पूरे नहीं होंगे और वाहन प्रयोग में सावधानी आवश्यक है। घरेलू विवाद और जोखिमपूर्ण कार्यों से बचने की सलाह है। केतु का प्रवेश राशि में और राहु की सप्तम दृष्टि के चलते एक साथ कई कार्यों में व्यस्तता रहेगी। योजनाएं सफल होंगी, मांगलिक आयोजन हो सकते हैं। संतान से सुख मिलेगा, परंतु नाक-कान संबंधी समस्या संभव है। इस राशि से केतु का प्रभाव समाप्त होगा और राहु की दृष्टि हटेगी। समय अनुकूल रहेगा। विरोधियों पर विजय मिलेगी, धार्मिक कार्यों में रुचि रहेगी। यात्रा के योग हैं और नया मकान लेने की योजना बन सकती है। राहु पंचम और केतु एकादश भाव में रहेगा। नकारात्मक प्रभाव नहीं दिखेगा। मानसिक तनाव हो सकता है, घुटनों में दर्द की संभावना है। संतान से सुख और जमीन खरीदने की योजना संभव है। राहु चतुर्थ और केतु दशम भाव में होने से आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। पाइल्स, जोड़ों का दर्द और अनिद्रा जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। संतान और पारिवारिक सहयोग में कमी संभावित है। राहु तृतीय और केतु नवम भाव में रहेगा। लाभ के साथ-साथ कुछ गलत आदतों की ओर भी आकर्षण हो सकता है। स्थानांतरण और पदोन्नति के योग हैं। कार्य विस्तार की इच्छा बनी रहेगी, परंतु खर्च बढ़ सकता है। राहु द्वितीय और केतु अष्टम भाव में रहेगा। आय बनी रहेगी लेकिन त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। नए कार्यों के अवसर और नौकरी में पदोन्नति के योग हैं। खिलाड़ियों के लिए समय अनुकूल रहेगा। राहु का प्रवेश राशि में और केतु की सप्तम दृष्टि का प्रभाव रहेगा। यह समय आत्मनिरीक्षण और पुनर्गठन का है। परेशानियां बढ़ सकती हैं, पर आत्मविश्वास मजबूत बना रहेगा। स्वास्थ्य समस्याएं, विशेषकर शल्य चिकित्सा के संकेत हैं। राहु इस राशि से निकल गया है। इससे मानसिक शांति मिलेगी और पारिवारिक सुख बढ़ेगा। आर्थिक प्रगति होगी, संतान से सुख मिलेगा और कई वर्षों से चल रही समस्याएं समाप्त हो सकती हैं। नई योजनाएं बनेंगी। राहु-केतु के दोष दूर करने के लिए करें ये शुभ काम

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