सामान्य ज्ञान

सेहत और स्वाद का मेल, जानिए भारत के पारंपरिक फर्मेंटेड फूड्स के जबरदस्त फायदे

 भारत में पारंपरिक रूप से तैयार किए गए कई फर्मेंटेड फूड्स न सिर्फ स्वाद में उम्दा होते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद हैं, खासकर पाचन तंत्र के लिए. इडली और डोसा दक्षिण भारतीय रसोई का अहम हिस्सा हैं और सबसे पसंदीदा फर्मेंटेड फूड हैं. आइए जानते हैं कुछ और ऐसे ही भारतीय फर्मेंटेड फूड्स के बारे में जो आपके पेट की सेहत को सुधारने में मदद करते हैं.



ढोकला (Indian Fermented Foods Benefits)
ढोकला बेसन या चने के आटे से बनाया जाता है, और इसे फर्मेंट करके पकाया जाता है. इसमें अच्छे बैक्टीरिया पनपते हैं जो पेट की सेहत में सुधार लाते हैं और पाचन को आसान बनाते हैं.


छाछ (Indian Fermented Foods Benefits)
दही से बनी छाछ एक नेचुरल प्रोबायोटिक ड्रिंक है. यह आंतों की गर्मी को शांत करती है, एसिडिटी कम करती है और डाइजेस्टिव एंजाइम्स को सक्रिय करती है.


अचार (Indian Fermented Foods Benefits)
हालांकि आजकल अचार में प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल आम हो गया है, पारंपरिक तरीके से तैयार किया गया अचार (जैसे नींबू, आम या मिर्च का अचार) फर्मेंट होकर नेचुरल प्रोबायोटिक बन जाता है.

कांजी (Indian Fermented Foods Benefits)
कांजी एक तरह का फर्मेंटेड ड्रिंक है, जो आमतौर पर काले गाजर, सरसों और नमक से बनाई जाती है. सर्दियों में यह बेहद लोकप्रिय होती है और आंतों को डिटॉक्स करने में मदद करती है.


दही (Indian Fermented Foods Benefits)
दही भारतीय घरों में रोज खाई जाने वाली चीज है. यह सबसे आम और सुलभ प्रोबायोटिक फूड है. नियमित रूप से दही खाना शरीर में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाता है.

पंता भात (Indian Fermented Foods Benefits)
रातभर भिगोया गया चावल अगली सुबह खाया जाता है, जिसे ‘पंता भात’ या ‘पोहा जल’ कहा जाता है. यह फर्मेंटेड होता है और पेट की गर्मी और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है.

इन सभी पारंपरिक फूड्स में नेचुरल प्रोबायोटिक गुण होते हैं, जो आंतों के माइक्रोबायोम को संतुलित करने में मदद करते हैं. ये फूड्स न सिर्फ स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं बल्कि इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करते हैं.

Leave Your Comment

Click to reload image