"विश्व डाक दिवस: दुनिया के सबसे ऊंचे पोस्ट ऑफिस के बारे में रोचक तथ्य"
हम सभी 21वीं सदी में जी रहे हैं. आज के समय में चीजें इतनी आसान हो गई हैं कि हमें बस मोबाइल स्क्रीन पर अपनी उंगली घुमानी है और हम अपने प्रियजनों का हाल-चाल जान सकते हैं और उन्हें मैसेज भी भेज सकते हैं. एक समय था जब चीजें इतनी आधुनिक नहीं थीं और एक-दूसरे का हाल-चाल जानने के लिए लोग या तो उनके घर जाते थे या उन्हें चिट्ठी भेजते थे. भले ही आज के समय में चिट्ठियां भेजने का चलन न के बराबर हो गया है. आज यानी 9 अक्टूबर को मनाया जाता है ” विश्व डाक दिवस”. और इस खास दिन पर हम लेकर आए हैं दुनिया का एक ऐसा डाकघर है जो पिछले कई सालों से लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. आइए जानते हैं दुनिया के सबसे ऊंचे पोस्ट ऑफिस के बारे में.
यहां है दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित डाकघर
दुनिया का सबसे ऊंचा डाकघर हिमाचल प्रदेश के हिक्किम गांव में स्थित है. इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 14567 फीट है, जिससे यह लोगों का ध्यान आकर्षित करता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि आज भी लोग इस पोस्ट के जरिए चिट्ठी भेजते हैं. इस डाकघर की शुरवात 1983 में हुई थी.
लेटर बॉक्स का आकार
यहां रहने वाले लोग इस डाकघर से पत्र भेजते ही हैं साथ ही दूर-दूर से आने वाले पर्यटक यहां से चिट्ठी भेजते हैं. ऐसा माना जाता है कि यहां प्रतिदिन 300 से 400 पत्र भेजे जाते हैं. इस पोस्ट ऑफिस का डिजाइन पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचता है. लेटर बॉक्स के आकार में चलने वाला यह डाकघर लोगों को खूब पसंद आ रहा है. पर्यटक यहां आकर सेल्फी लेते हैं. अब यह पर्यटकों की पसंदीदा जगह में भी शामिल हो गया है.
ऐसे पहुंच सकते हैं पोस्ट ऑफिस
विश्व के सबसे ऊंचे पोस्ट ऑफिस में आसानी से पहुंचा जा सकता है. जो ट्रेक करना पसंद करते हैं काज़ा से बस ले सकते हैं और मोटर योग्य सड़क के माध्यम से हिक्किम पहुंच सकते हैं. ध्यान रखें कि बस दिन में केवल एक बार दोपहर 2 बजे ही निकलती है.
कौन हैं रिनचेन चेरिंग?
रिनचेन चेरिंग इस पोस्ट ऑफिस में पोस्ट मास्टर के रूप में 30 से अधिक वर्षों से सेवा कर रहे हैं. वह इस डाकघर की स्थापना के बाद से 22 साल की छोटी उम्र में ही इस पोस्ट ऑफिस से जुड़ गए थे. केवल इसलिए क्योंकि वे एक फास्ट रनर थे और उनके पास एक साइकिल थी. पिछले 30 सालों से रिनचेन अकेले ही और बड़ी वफादारी से सभी काम कर रहे हैं.
कैसे पहुंचाया जाता है डाक?
हिक्किम पोस्ट ऑफिस ने 5 नवंबर 1983 से कार्य करना शुरू किया था और उसके बाद से ही रिनचेन चेरिंग वहां के पोस्टमैन बने हुए हैं. लोकल लोगों का कहना है कि सबसे पहले लेटर को काजॉ भेजा जाता है. उसके बाद लेटर रिकांग पियो जाता है और अंत में दिल्ली पहुंचता है. पहाड़ी गांव में स्थित होने के कारण इस पोस्ट ऑफिस तक पहुंचना आसान नहीं होता. लेकिन रिनचेन चेरिंग सभी मुश्किलों को पार कर चिट्ठियां लोगों तक पहुंचाते हैं.