Vat Savitri Vrat 2025: बांस के पंखे और टोकरी के बिना अधूरा होता है वट सावित्री व्रत, जानें इसके धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण महत्व…
हिंदू धर्म में सुहागिन स्त्रियों द्वारा रखे जाने वाले व्रतों में बट सावित्री व्रत का विशेष स्थान है. यह व्रत इस वर्ष 6 जून 2025, शुक्रवार को रखा जाएगा. इस व्रत को नारी शक्ति, समर्पण और पतिव्रता धर्म का प्रतीक माना जाता है. इस दिन महिलाएं बरगद (वट) के पेड़ के नीचे व्रत रखकर पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र, सुखी वैवाहिक जीवन और परिवार की समृद्धि की कामना करती हैं. वट वृक्ष की 108 बार कच्चे सूत से परिक्रमा की जाती है. पूजा की थाली बांस की टोकरी और पंखे में सजाई जाती है, जिनमें प्रसाद रखकर वितरित किया जाता है. यही कारण है कि कहा जाता है, “बांस के पंखे और टोकरी के बिना अधूरा है यह व्रत.”