गंगाजल घर में रखने से पहले जान लें ये वास्तु नियम, बनी रहेगी पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा
15-Jun-2025
गंगाजल केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह एक ऊर्जावान, शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक तरल है—जो घर में सकारात्मकता और आरोग्य का संचार करता है. गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय आस्था का प्रतीक है. मान्यता है कि गंगाजल में देवत्व समाया हुआ है, और यह हर स्थान को पवित्र बना देता है.
यही कारण है कि आज भी करोड़ों लोग अपने घरों में गंगाजल को श्रद्धा से संजोकर रखते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी है?
धार्मिक मान्यता (Gangajal Vastu Tips)
पुराणों में गंगाजल को ‘पाप विनाशिनी’ कहा गया है. मान्यता है कि इसे घर में रखने से वास्तु दोष, नकारात्मक ऊर्जा और ग्रह दोष से राहत मिलती है. पूजा-पाठ, जन्म, मृत्यु या किसी शुभ कार्य में इसका प्रयोग घर को शुद्ध और ऊर्जावान बनाता है.
वैज्ञानिक कारण (Gangajal Vastu Tips)
आईआईटी रुड़की और अन्य संस्थानों की शोधों के अनुसार, गंगाजल में बैक्टीरियोफेज नामक तत्व पाए जाते हैं, जो रोगजनक जीवाणुओं को नष्ट करते हैं. यही कारण है कि वर्षों तक बंद रहने पर भी यह खराब नहीं होता. घर में इसका छिड़काव संक्रमण को फैलने से रोकता है और वातावरण को शुद्ध करता है.
गंगाजल को कैसे रखें (Benefits of Keeping Gangajal At Home)
गंगाजल को कांच या तांबे के पात्र में ढककर उत्तर दिशा में रखें.
इसका नियमित छिड़काव करें या पूजा में उपयोग करें.
गंगाजल को कभी भी गंदे या अपवित्र स्थान पर न रखें, ऐसा करना अशुभ माना जाता है.