संस्कृति

मंदिर में प्रवेश करते ही क्यों बजाई जाती है घंटी? जानें इसका आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व

 जब भी हम किसी मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो सबसे पहला कार्य होता है घंटी बजाना. यह केवल एक साधारण परंपरा नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहन आध्यात्मिक और वैज्ञानिक रहस्य छिपा होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घंटी बजाने से हम ईश्वर को अपने आगमन की सूचना देते हैं. साथ ही, यह हमारी भीतर की चेतना को जागृत करने का कार्य भी करता है.


मान्यता है कि मंदिर की घंटी की ध्वनि न केवल वातावरण को शुद्ध करती है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा का भी नाश करती है.

‘ॐ’ ध्वनि से मेल खाती है घंटी की गूंज (Why To Ring Bell In Temple)
घंटी की आवाज़ सिर्फ वातावरण को पवित्र नहीं बनाती, बल्कि हमारे मन और मस्तिष्क को भी एकाग्र करती है. मंदिर में प्रवेश करने से पहले घंटी बजाने से मन की चंचलता कम होती है और ध्यान स्थिर होता है. यही कारण है कि घंटी को एक आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत माना गया है.

संस्कृत में एक प्रसिद्ध श्लोक भी है (Why To Ring Bell In Temple)
“आगमार्थं तु देवानां, गमनार्थं तु राक्षसाम्. घण्टानादं करोम्यादौ, देवताह्वानलक्षणम्.”

अर्थ: घंटी की ध्वनि देवताओं को आमंत्रित करती है और दुष्ट शक्तियों को दूर भगाती है.

इसलिए, अगली बार जब आप मंदिर जाएं और घंटी बजाएं, तो यह समझिए कि आप केवल एक रस्म नहीं निभा रहे, बल्कि अपने भीतर और बाहर दोनों को शुद्ध कर रहे हैं.
 

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