मंदिरों के गर्भगृह क्यों होते हैं इतने गहरे? जानें मंदिर निर्माण के पीछे छिपी गूढ़ विद्या का रहस्य
भारत के प्राचीन मंदिर केवल आस्था और पूजा का स्थान नहीं, बल्कि उच्चकोटि की वास्तुशास्त्र और ऊर्जा विज्ञान का अद्भुत संगम है। मंदिरों के केंद्र में स्थित गर्भगृह को हमेशा गहराई में और अपेक्षाकृत अंधेरे में बनाया जाता है। आखिर क्यों? दरअसल, मंदिर का गर्भगृह उस स्थान का प्रतिनिधित्व करता है जहां दिव्य ऊर्जा का संकेन्द्रण होता है। इसे पृथ्वी की नाभि माना गया है। गहराई में बने होने के कारण यह स्थान बाहरी शोर-शराबे, प्रदूषण और सूर्य के तीव्र प्रकाश से मुक्त रहता है, जिससे वहां की सकारात्मक ऊर्जा स्थिर और सघन बनी रहती है।